श्री कृष्ण ने अपने आंसू से धोए थे मित्र सुदामा के पैर, मित्रता हो तो कृष्ण और सुदामा जैसी:- स्वामी विवेकानंद सरस्वती

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

दीपक शर्मा,अग्रभारत

वृंदावन। भगवान श्री कृष्ण प्रेम के भूखे हैं। भगवान को सत्य अति प्रिय है। भगवान को मन से याद करो तो जरूर आते हैं। मनुष्य को ठाकुर जी को कभी भूलना नहीं चाहिए हर क्षण सुमिरन करते रहना चाहिए। उक्त विचार सुनरख मार्ग स्थित हरे कृष्ण ओरचिड में हो रही भागवत में व्यासपीठ से स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने कहे। गुरुवार को श्रीमद्भागवत कथा में महारास लीला श्री कृष्ण गमन उद्धव चरित्र व रुक्मणी विवाह का वर्णन किया गया। रुकमणी विवाह में ठाकुर जी की आकर्षक झांकी सजाई गई। जिसकी सभी भक्तों ने पूजा-अर्चना की। रुकमणी विवाह में भक्तों ने उपहार लुटाए और कन्यादान किया। पूरा सभागार श्री कृष्ण भगवान और रुक्मणी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।

See also  प्लॉट मालिक को मृतक दिखाकर प्लॉट बेचने वाले प्रॉपर्टी डीलर सहित पुलिस ने तीन दबोचे

महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। श्री सरस्वती महाराज ने कहा कि रुकमणी भगवान श्री कृष्ण को प्रिय थी। प्रेम से बढ़कर जीवन में कुछ नहीं है। वृंदावन में श्रीमद् भागवत कथा सुनना बहुत ही भाग्यशालियों को मिलता है। वृंदावन धाम की महिमा अपार है। ब्रज के कण-कण में ठाकुर जी का वास है। इस दौरान मुक्तानंद पुरी महाराज, महेशानंद सरस्वती, उमा शक्ति पीठ के प्रवक्ता आर एन द्विवेदी राजू भैया, विष्णु बंसल, आयोजक शंकर मंजू लाल ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।

See also  राया में अधिशासी अधिकारी ने जलवाए अलाव -रैन बसेरों की व्यवस्था को किया दुरुस्त
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.