घिरोर,जैन मंदिर में आचार्य श्री के भक्तों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर एक मिनट का मौन रख आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी को श्रद्धांजलि दी गई। जैन समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि लेते हुए 3 दिन के उपवास के बाद अपना देह त्याग दिया था समाधि की सूचना मिलते ही जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई जैन समाज के अध्यक्ष व चेयरमैन यतीन्द्र जैन ने बताया वर्तमान के महावीर और देश के राष्ट्रीय संत आचार्य गुरु विद्यासागर जी महाराज का देवलोक गमन रविवार को हो गया था जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार छत्तीसगढ़ राज्य के चंद्र गिरी तीर्थ पर किया गया था।
राष्ट्रीय संत के इस अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में देशभर के श्रद्धालु भी शामिल हुए थे आचार्य विद्यासागर महाराज जी को जैन समुदाय ही नहीं अपितु सभी धर्म के लोग उनकी पूजा करते थे आचार्य विद्यासागर महाराज जी ने आजीवन नमक का त्याग, घी का त्याग,मिठाई का त्याग,हरी सब्जी का त्याग,गुड़ का त्याग,तेल का त्याग,एक करवट में शयन बिना चादर, गद्दे, तकिए के सिर्फ तखत पर किसी भी मौसम में पुरे भारत में सबसे ज्यादा दीक्षा देने वाले एक ऐसे संत जो सभी धर्मो में पूजनीय पुरे भारत में एक ऐसे आचार्य जिनका लगभग पूरा परिवार ही संयम के साथ मोक्षमार्ग पर चल रहा है शहर से दूर खुले मैदानों में नदी के किनारो पर या पहाड़ो पर अपनी साधना करना थे । श्रद्धांजलि सभा में धर्मेंद्र जैन, भुवनेंद्र जैन,सुशील जैन,सोनू जैन,अक्षय जैन,अनूप जैन,संजीव जैन,विकास जैन,अनुराग जैन,मोनू जैन,राकेश जैन,मनोज जैन,दीपक जैन,नरेशचंद्र जैन,रजत जैन,अमित जैन,जितेंद्र जैन आदि जैन समाज के लोग मौजूद रहे ।