आगरा। ताज नगरी आगरा के खेरागढ़ कस्बे में एक 200 साल पुराना ऐतिहासिक कुआं इन दिनों दबंग भूमाफियाओं के अवैध कब्जे की ज़द में आ गया है। सरकारी जमीन पर स्थित इस धरोहर पर कुछ तत्वों ने रातों-रात स्थायी निर्माण कार्य शुरू कर दिया, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। हालांकि, सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और एसडीएम ऋषि राव के निर्देश पर अवैध निर्माण को तत्काल रुकवा दिया गया।
प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी भूमाफियाओं के हौसले बुलंद
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खेरागढ़ कस्बे के बीचोंबीच पुरानी केनरा बैंक के सामने मौजूद यह कुआं लगभग दो शताब्दी पुराना बताया जाता है और इसे कस्बे की ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है। दबंग भूमाफियाओं ने मौका देखकर इस कुएं की जमीन पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया।
इसकी सूचना मिलने पर, एसडीएम ऋषि राव के निर्देशानुसार नायब तहसीलदार अभिषेक कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे और निर्माण कार्य को रुकवाया। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि प्रशासन की कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद दबंग भूमाफियाओं ने दोबारा निर्माण कार्य शुरू करा दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अधिकारियों ने लेखपाल को फिर से मौके पर भेजा, जिन्होंने दोबारा निर्माण कार्य रुकवाया। इसके बावजूद, भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि स्थानीय लोगों को किसी भी वक्त फिर से निर्माण शुरू होने की आशंका सता रही है।
स्थानीय लोगों में दहशत और रोष, स्थायी समाधान की मांग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कुआं उनकी विरासत है, और प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बावजूद भी दबंगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। लोगों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी और दहशत का माहौल है कि सरकारी जमीन और ऐतिहासिक धरोहर को खुलेआम कब्ज़ा किया जा रहा है।
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से तत्काल स्थायी समाधान निकालने और इस ऐतिहासिक कुएं को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है, ताकि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके।
एसडीएम का आश्वासन: “जांच तक कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा”
इस पूरे मामले पर, एसडीएम ऋषि राव ने स्पष्ट करते हुए कहा, “प्राचीन कुएं पर निर्माण की सूचना मिली थी। निर्माण कार्य तत्काल रुकवा दिया गया है। जांच पूरी होने तक किसी भी सूरत में वहां कोई निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाएगा।”
प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों पर नकेल कसने की उम्मीद जगी है, लेकिन स्थानीय लोग स्थायी रूप से कुएं को सुरक्षित करने की मांग पर अडिग हैं।
