कैटल कैचर अभियान के तहत पकड़े गए 45 गोवंश, गौशालाओं में भेजे गए

Shamim Siddique
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कैटल कैचर अभियान के तहत पकड़े गए 45 गोवंश, गौशालाओं में भेजे गए

फतेहपुर सीकरी, 20 जनवरी 2025: ब्लॉक क्षेत्र में लगातार आवारा गोवंश द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने की शिकायतों के बाद प्रशासन ने गंभीर कदम उठाते हुए कैटल कैचर अभियान चलाया। इस अभियान के तहत 45 गोवंश को पकड़कर गौशालाओं में भेजा गया। किसानों द्वारा दी गई शिकायतों के बाद यह अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत राजस्थान सीमा से सटे ग्राम दाउदपुर में विशेष अभियान चलाया गया।

क्या था पूरा मामला?

ब्लॉक क्षेत्र के कई गांवों में आवारा गोवंश की संख्या बढ़ने से किसानों को फसलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। किसानों ने बताया कि गोवंश उनकी फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर रहे थे, जिसके चलते उन्हें रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की निगरानी करनी पड़ रही थी। खेतों में घूम रहे इन आवारा गायों और सांडों द्वारा मक्का, गेहूं, गन्ना और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा था, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा था।

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कैटल कैचर अभियान की शुरुआत

किसानों की लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद ब्लॉक प्रशासन और पशुपालन विभाग ने मिलकर कैटल कैचर अभियान शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य आवारा गोवंशों को पकड़कर उन्हें गौशालाओं में भेजना था ताकि किसानों को राहत मिल सके।

खंड विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह और पशु चिकित्सा अधिकारी संजय तोमर के निर्देशन में यह अभियान चलाया गया। अभियान की शुरुआत राजस्थान सीमा से सटे ग्राम दाउदपुर से की गई, जहां 15 गायों और 30 सांडों को पकड़कर उन्हें गौशालाओं में भेजा गया।

गोवंश को गौशालाओं में भेजा गया

पकड़े गए 45 गोवंशों को विभिन्न गौशालाओं में भेजा गया, जिसमें कोरई, सामरा समर और बाईपुर गौशालाएं शामिल हैं। इन गौशालाओं में गोवंशों का उचित पालन-पोषण किया जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी।

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किसानों को मिली राहत

इस अभियान से किसानों को बड़ी राहत मिली है। किसान अब बेफिक्र होकर अपनी फसलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, क्योंकि उनके खेतों में अब आवारा गोवंशों का आना कम हो गया है। अभियान के बाद गांवों में किसानों ने प्रशासन का आभार व्यक्त किया और इस तरह के अभियान को और भी तेज़ी से चलाने की मांग की।

विकास विभाग और पशुपालन विभाग का कहना है कि यह अभियान अब नियमित रूप से जारी रहेगा और यदि भविष्य में भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में जिले भर में इसी प्रकार के अभियान को और विस्तार दिया जाएगा ताकि किसानों को और अधिक राहत मिल सके।

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कैटल कैचर अभियान न केवल किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, बल्कि यह आवारा गोवंशों की समस्या को सुलझाने में भी मददगार साबित हो रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस अभियान को आगे किस तरह से लागू करता है और इससे किसानों को कितनी और राहत मिलती है।

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