आगरा, उत्तर प्रदेश: बीती रात आगरा के छीपीटोला इलाके में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। थाना रकाबगंज क्षेत्र में स्थित होटल डीसी विलास में आग लगने की अफवाह से अफरा-तफरी मच गई, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि आग होटल में नहीं, बल्कि उसके ऊपर स्थित ‘सिद्धार्थ इलेक्ट्रिकल्स’ नामक दुकान के गोदाम में लगी थी। इस अग्निकांड में लाखों रुपये के बिजली के सामान जलकर राख हो गए, लेकिन गनीमत रही कि किसी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई।
कैसे हुआ हादसा?
देर रात करीब 1 बजे, छीपीटोला इलाके में लोग सो रहे थे, तभी अचानक आग की तेज लपटें दिखाई दीं। ये लपटें होटल डीसी विलास के ऊपरी हिस्से से निकल रही थीं, जिससे चारों ओर हड़कंप मच गया। शुरुआत में यह खबर फैल गई कि आग होटल के तीसरी मंजिल पर एसी कंप्रेसर फटने से लगी है, और लोग अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागने लगे।
होटल नहीं, गोदाम में लगी आग
घटना की जानकारी मिलते ही होटल डीसी विलास के कथित मालिक रविंद्र कुमार जैन और उनके बेटे वैभव जैन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि आग होटल में नहीं, बल्कि उनके स्वामित्व वाली ‘सिद्धार्थ इलेक्ट्रिकल्स’ नामक दुकान के गोदाम में लगी थी। यह गोदाम होटल की छत पर बना हुआ है, और इसी वजह से लोगों को लगा कि आग होटल में लगी है।
शॉर्ट सर्किट बना वजह
रविंद्र कुमार जैन और वैभव जैन के अनुसार, गोदाम में बड़ी मात्रा में बिजली का सामान रखा हुआ था। रात में संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई, जिसने जल्द ही भीषण रूप ले लिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के लोगों में डर फैल गया।
दमकल और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया। दमकलकर्मियों ने लगभग 45 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
30 लाख का नुकसान, कोई जनहानि नहीं
इस आगजनी की घटना में ‘सिद्धार्थ इलेक्ट्रिकल्स’ के गोदाम में रखा सारा बिजली का सामान जलकर राख हो गया, जिससे लगभग 30 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि, सबसे राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई भी घायल नहीं हुआ और न ही किसी की जान गई। होटल डीसी विलास भी पूरी तरह सुरक्षित रहा।
पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है ताकि आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा सके। यह घटना एक बार फिर से सुरक्षा मानकों की महत्ता को उजागर करती है, विशेषकर उन इमारतों में जहां व्यावसायिक और आवासीय दोनों तरह की गतिविधियां होती हैं।