‘हत्या या दुर्घटना?’: पुलिस हिरासत से छूटने के बाद युवक की मौत, निधौलीकलां थाने पर हंगामा

Pradeep Yadav
3 Min Read
'हत्या या दुर्घटना?': पुलिस हिरासत से छूटने के बाद युवक की मौत, निधौलीकलां थाने पर हंगामा

एटा, उत्तर प्रदेश: निधौलीकलां थाना क्षेत्र के गाँव चंद्रभानपुर उर्फ खरेटी का नगला में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से हड़कंप मच गया है। युवक, सत्यवीर कुमार, को पुलिस ने एक लड़की को भगाने के शक में हिरासत में लिया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की थर्ड डिग्री के बाद ही उसकी हालत बिगड़ी और मौत हुई। इस घटना के बाद गाँव में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

परिजनों का आरोप: थर्ड डिग्री का इस्तेमाल

परिजनों का कहना है कि पुलिस ने सत्यवीर को हिरासत में लेने के बाद बुरी तरह पीटा। उनका आरोप है कि थर्ड डिग्री के इस्तेमाल के बाद ही पुलिस ने उसे रात में छोड़ा। घर पहुँचने के कुछ ही देर बाद सत्यवीर की हालत बिगड़ने लगी और उसकी मौत हो गई।

See also  आवास विकास परिषद की अनदेखी: बिल्डर की मनमानी का शिकार हुए 40 परिवार, नोटिस को बनाया मजाक, अधिकारी गहरी नींद सोए

परिजनों ने इसे सीधे तौर पर पुलिस द्वारा की गई हत्या बताया है और थानाध्यक्ष सहित सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस ने कानून को अपने हाथ में लिया है।

पुलिस पर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोप

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में केवल सत्यवीर ही नहीं, बल्कि गाँव के कई अन्य लोगों को भी पुलिस ने उठाया था। आरोप है कि रात भर उत्पीड़न करने के बाद पुलिस आर्थिक लाभ लेकर उन्हें छोड़ देती थी।

गाँव वालों का सवाल है कि पुलिस को किसी को भी पीटने का अधिकार किसने दिया है? अगर पुलिस को शक था, तो पूछताछ के नाम पर गाँव के इतने लोगों को बारी-बारी से हिरासत में क्यों लिया गया और फिर पैसों के एवज में क्यों छोड़ा गया?

See also  आगरा : तनौरा नूरपुर में यमुना नदी पर पांटून पुल बनाने हेतु कैबिनेट मंत्री ने लिखा पत्र, ग्रामीणों की ज्वलंत समस्या का कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने लिया संज्ञान

ग्रामीणों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश है कि पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों की अवहेलना की है। उनका कहना है कि पुलिस ने यह मान लिया है कि उनके द्वारा की गई कोई भी कार्रवाई कानून से ऊपर है, और गरीब लोगों के लिए न्याय मिलना अब मुश्किल हो गया है।

पूरा गाँव अब एसएसपी एटा की कार्रवाई का इंतजार कर रहा है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जाँच हो सके और दोषियों को सजा मिल सके।

 

 

 

See also  आवास विकास परिषद की अनदेखी: बिल्डर की मनमानी का शिकार हुए 40 परिवार, नोटिस को बनाया मजाक, अधिकारी गहरी नींद सोए
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement