आगरा – आगरा जिले के शाहगंज थाना क्षेत्र में एक गंभीर मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, दिनेश कुमार चौरसिया ने आरोपी बंटी उर्फ शाहिद को बरी करने का आदेश दिया। बंटी पर आरोप था कि उसने 23 फरवरी 2017 की रात को एक 17 वर्षीय लड़की का अपहरण किया और उसके साथ दुराचार किया। हालांकि, वादी मुकदमा और पीड़िता ने अदालत में अपने बयान से मुकरते हुए आरोपी को निर्दोष करार देने की मांग की।
मामले के अनुसार, वादी मुकदमा ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि आरोपी बंटी और उसके परिजनों ने मिलकर उनकी पुत्री को घर से बहला-फुसला कर अपहरण कर लिया और नगदी व जेवरात भी ले गए थे। इस मामले में पीड़िता ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी के खिलाफ दुराचार की पुष्टि की थी। लेकिन जब मामला अदालत में पहुंचा, तो पीड़िता ने अदालत में दिए अपने बयान में कहा कि वह घर से नाराज होकर अपनी बुआ के घर चली गई थी और आरोपी ने न तो उसका अपहरण किया और न ही उसके साथ दुराचार किया। पीड़िता का कहना था कि पुलिस के दबाव और डराने-धमकाने पर उसने पहले के बयान दिए थे।
वहीं, आरोपी के वरिष्ठ वकील राम प्रकाश शर्मा और पुष्पेंद्र पचौरी ने अदालत में यह तर्क रखा कि मामले में कोई ठोस सबूत नहीं हैं और पीड़िता ने अपने बयान में बदलाव किया है। अदालत ने सबूतों के अभाव और पीड़िता के बदलते बयानों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को बरी करने का निर्णय लिया।
यह मामला आगरा में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचा जब पीड़िता ने अपने पुराने बयान से मुकरते हुए कोर्ट में अपना नया बयान दिया और आरोपी के खिलाफ दायर सभी आरोपों को नकारा। इस फैसले के बाद आरोपी बंटी उर्फ शाहिद को राहत मिली है, जबकि न्यायालय ने इस केस में सबूतों की कमी और पीड़िता के गवाही से मुकरने के आधार पर बरी करने का आदेश दिया।