खेरागढ़, आगरा: खेरागढ़ क्षेत्र में अवैध खनन की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने अब आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। जिलाधिकारी (डीएम) आगरा अरविंद मल्लप्पा बंगारी के कड़े निर्देश पर, कुल्हाडा और आसपास के प्रमुख पहाड़ों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी शुरू की गई है। इस पहल को अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई माना जा रहा है।
ड्रोन कैमरे से निगरानी का नया दौर

लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर, प्रशासन ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए एक तकनीकी निगरानी प्रणाली अपनाई है। जिलाधिकारी के आदेशानुसार, सोमवार को खनन, राजस्व, वन और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम ने तहसील खेरागढ़ के प्रमुख पत्थर खनन क्षेत्रों का गहन ड्रोन सर्वे किया।
इस सर्वे अभियान में कुल्हाडा, पिपरैठा और बसई जगनेर स्थित पहाड़ों का निरीक्षण किया गया, ताकि खनन स्थलों की गतिविधियों पर सटीक नजर रखी जा सके और अवैध उत्खनन के क्षेत्रों की पहचान की जा सके।
ड्रोन सर्वे से उजागर हुए कई संदिग्ध खनन स्थल

ड्रोन सर्वे से उजागर हुए कई खनन स्थल
- टीम ने कई संदिग्ध बिंदुओं की पहचान की।
- सर्वे की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
वरिष्ठ खनन अधिकारी मिथिलेश पांडे ने मीडिया को जानकारी दी कि क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही थीं। जिलाधिकारी के सख्त आदेश के बाद यह ड्रोन सर्वे कराया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तकनीक से खनन स्थलों की वास्तविक जानकारी तत्काल प्राप्त होगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर अधिक प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा। सर्वे की पूरी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा रही है।
प्रशासन ने दिए कठोरतम कार्रवाई के निर्देश
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन और इसके परिवहन में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या माफिया के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
निरीक्षण दल में एसडीएम खेरागढ़ ऋषि राव, थाना प्रभारी मदन सिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी राहुल सिंह, खनन निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा, जो यह दर्शाता है कि प्रशासन इस बार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है।
ड्रोन कैमरे से निगरानी शुरू होने के बाद, अवैध खनन माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है, क्योंकि अब छिपकर उत्खनन करना उनके लिए लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
