आगरा। आगरा में हाईकोर्ट खण्डपीठ की स्थापना की मांग को लेकर अधिवक्ताओं द्वारा आंदोलन जारी है। वर्ष 1966 से लेकर अब तक अधिवक्ता आगरा में हाईकोर्ट खण्डपीठ की स्थापना के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अधिवक्ताओं का मानना है कि जस्टिस जसंवत सिंह आयोग की सिफारिश के अनुसार आगरा में हाईकोर्ट खण्डपीठ की स्थापना होनी चाहिए, ताकि उत्तर प्रदेश की जनता को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके।
सांसद राजकुमार से मुलाकात
इसी मांग को लेकर जनमंच द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर से मिला। बैठक में अधिवक्ताओं ने सांसद से आग्रह किया कि वर्तमान में चल रहे शीतकालीन सत्र में संसद में हाईकोर्ट खण्डपीठ के मुद्दे को उठाया जाए और इसके लिए सभी सांसदों का समर्थन जुटाया जाए।
सांसद राजकुमार ने दिया आश्वासन
सांसद राजकुमार चाहर ने इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और आगरा में जस्टिस जसंवत सिंह आयोग की रिपोर्ट के अनुसार खण्डपीठ की स्थापना का प्रस्ताव संसद में लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आगरा में वर्ष 1866 से 1869 तक हाईकोर्ट का अस्तित्व था, और आज भी आगरा का इस पर अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि आगरा के नागरिकों को सुलभ न्याय मिलना चाहिए और इसके लिए वह अधिवक्ताओं और जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
आगरा में न्यायिक दूरी की समस्या
राजकुमार ने कहा कि आगरा से मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट की दूरी मात्र 120 किलोमीटर है, जबकि दिल्ली और जयपुर हाईकोर्ट की दूरी भी क्रमशः 200 और 230 किलोमीटर है। वहीं, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों से आगरा हाईकोर्ट जाने के लिए नागरिकों को लगभग 700 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इससे न केवल जनता को न्याय मिलने में देरी होती है, बल्कि सस्ता न्याय भी उपलब्ध नहीं हो पाता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और अन्य प्रमुख लोग
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनमंच के अध्यक्ष चौ. अजय सिंह ने की, जबकि संचालन हृदयेश कुमार यादव ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से चौ. रामेश्वर वर्मा, आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के महामंत्री फूल सिंह चौहान, श्याम सुन्दर उर्फ प्रशान्त सिकरवार, विनय कुमार अग्रवाल, रवि कुमार चौधरी, विशाल चौधरी, अनुराग यादव, वीरेन्द्र फौजदार, सत्येन्द्र कुमार यादव, गिर्राज रावत, और जितेन्द्र चौहान समेत कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।