नहरों की सफाई में अनियमितताओं के बाद खेतों के जलमग्न होने का सिलसिला हुआ प्रारंभ

Jagannath Prasad
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टूटी हुई पटरी,जलमग्न हुए किसानों के खेत

गांव मंगूरा में आगरा रजवाहा की पटरी टूटने के बाद दर्जनों किसानों के खेतों में भरा पानी

आगरा(किरावली) आपके लोकप्रिय अग्र भारत द्वारा जनहित में नहरों की सफाई के मुद्दे को प्रमुखता दी जा रही थी। जनपद की नहरों की सफाई में हद दर्जे की अनियमितताओं एवं बजट के बंदरबांट को लेकर अग्र भारत द्वारा जो शंका जाहिर की जा रही थी, आखिरकार वह सच साबित हुई।
बताया जा रहा है कि तहसील किरावली क्षेत्र अंतर्गत गांव मंगूरा के समीप किसानों ने सुबह तड़के अपने खेतों को जलमग्न स्थिति में देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। आगरा रजवाहा की पटरी टूटने के बाद रजवाहा का पानी बहकर किसानों के खेतों में भरा हुआ था। किसानों द्वारा खेतों से पानी निकालने के हरसंभव प्रयास किए गए, लेकिन उनके प्रयास निरर्थक साबित हुए। घटनाक्रम की सूचना सिंचाई विभाग को दी गई। काफी देर तक मौके पर कोई भी विभागीय कर्मी नहीं पहुंचा। बताया जा रहा है कि आगरा रजवाहा से पहले दो दिन पूर्व ही गांव अरदाया के समीप गोपऊ माइनर की पटरी टूटने की सूचना प्राप्त हो रही है। अग्र भारत द्वारा नहरों की सफाई में अनियमितताओं को लगातार उजागर किया जा रहा था। जनपद की विभिन्न माइनर, रजवाहा, टर्मिनल आदि की सफाई के नाम पर जो खेल हुआ है, विभागीय अधिकारियों ने अपनी आँखें मूंदे रखी। ठेकेदारों ने जमकर मनमानी को अंजाम दिया। वर्क ऑर्डर में स्पष्ट उल्लेखित था कि सिल्ट सफाई के साथ ही पटरियों की मरम्मत एवं डोला बनाए जाएंगे। ठेकेदारों ने विभागीय मानकों एवं नियमों को पूरी तरह ताक पर रखकर कार्य किया। दिखावे की सफाई करते हुए सिर्फ मौके से घास की छिलाई कर दी गई, इसके अलावा अन्य कोई भी कार्य करने की जरूरत नहीं समझी गई।

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कमजोर पटरियों के सहारे नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने के हो रहे दावे

अपनी नाकामियों पर लगातार पर्दा डाल रहे विभागीय अधिकारियों ने हकीकत से मुंह मोड़कर रखा। किसी भी ठेकेदार की निरीक्षण के दौरान जवाबदेही तय नहीं की गई। पहले से ही कमजोर पटरियों को मरम्मत नहीं करके उन्हीं नहरों में पाने छोड़ा जा रहा है। विभागीय अधिकारियों में अपनी गर्दन फंसने का खौफ इतना है कि नहरों में पूरी क्षमता के साथ पानी छोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

जनप्रतिनिधि की उदासीनता चिंताजनक

आगरा जनपद में सांसद से लेकर समस्त विधानसभाओं में सत्ताधारी दल के ही जनप्रतिनिधि हैं। इसके अलावा अधिकांश ब्लॉक प्रमुख भी भाजपा के ही हैं। किसानों के मुद्दे पर बड़े बड़े दावे करने वाले जनप्रतिनिधियों ने आज तक किसी भी नहर पर जाकर सफाई की बदहाली नहीं देखी। इस ज्वलंत विषय पर उनकी चुप्पी भी सवाल खड़े कर रही है।

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विपक्षी दलों ने सिस्टम पर उठाए सवाल

आगरा रजवाहा की पटरी टूटने की घटना के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार की नाकामी करार दिया है।

,,भाजपा सरकार का सबका साथ-सबका विकास का नारा थोथा साबित हो रहा है। किसान डीएपी के लिए भटक रहा है। सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं है। विभाग द्वारा सफाई कराई गई तो वह अनियमितताओं की भेंट चढ़ गई। प्रशासनिक मशीनरी इस अनियमितता पर पर्दा डाले हुए हैं। उनके दिशा निर्देश सिर्फ दिखावे के लिए हैं।
सुरेंद्र चौधरी-जिला महासचिव, समाजवादी पार्टी

,,भाजपा सरकार के समस्त दावे कोरे साबित हो रहे हैं। अन्नदाता किसानों को हर जगह पर संघर्ष करना पड़ रहा है। जनपद में नहरों की सफाई की स्थिति चिंताजनक है। अग्र शीघ्र ही किसानों को लाभ नहीं मिला तो तहसीलों का घेराव किया जाएगा।
श्याम सिंह चाहर-किसान नेता

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