आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में एक सनसनीखेज हत्याकांड में अदालत ने पत्नी तारा उर्फ रुबीना को अपने पति की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने उस पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त जिला जज (एडीजे)-21 विराट कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 24 मार्च 2016 को हुई इस घटना के साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर यह फैसला सुनाया।
जिला शासकीय अधिवक्ता (क्राइम) बसंत गुप्ता ने बताया कि यह मामला तब प्रकाश में आया था जब शादी के महज तीन दिन बाद ही नवविवाहिता तारा उर्फ रुबीना ने अपने पति निर्मल सिंह को जहर देकर मार डाला और घर से नकदी व जेवरात लेकर फरार हो गई थी।
मूल रूप से उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर के गांव बैल जोड़ी, थाना कुंडा की रहने वाली तारा उर्फ रुबीना की शादी आगरा के आवास विकास कॉलोनी निवासी निर्मल सिंह से हुई थी। शादी के बाद घर में खुशियों का माहौल था, लेकिन रुबीना ने विश्वासघात करते हुए अपने पति को मौत के घाट उतार दिया।
मृतक की बहन विशेष सिंह की शिकायत पर थाना जगदीशपुरा में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोपी रुबीना उर्फ तारा को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में रुबीना उर्फ तारा ने चौंकाने वाला खुलासा किया था कि वह पहले से ही शादीशुदा थी और उसका धंधा ज्यादा उम्र के अविवाहित लोगों को जाल में फंसाकर उनसे शादी करना था। शादी के बाद मौका मिलते ही वह ससुराल से नकदी और जेवरात लेकर फरार हो जाती थी।
पुलिस जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष ने सात स्वतंत्र गवाह पेश किए, जिन्होंने घटना की सच्चाई अदालत के सामने रखी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी निर्मल सिंह की मौत जहर के कारण होने की पुष्टि हुई थी।
अभियोजन की ओर से विशेष सिंह (मृतक की बहन), भारत (मृतक का पुत्र), डॉ. प्रभात सिंह (चिकित्सक), पुलिसकर्मी धारा सिंह, एसओ तेज बहादुर सिंह, सिपाही राजीव कुमार और विधि विज्ञान प्रयोगशाला के अधिकारी कर्नल कुंवर प्रताप सिंह ने अदालत में गवाही दी थी। इन ठोस साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने तारा उर्फ रुबीना को दोषी करार देते हुए कठोर आजीवन कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई।
