आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग: भ्रष्टाचार की गुफा?, बाबुओं के रसूख के आगे अधिकारियों के आदेश हुए बौने, नियमों को धता बताते रहे

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आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग: भ्रष्टाचार की गुफा?, बाबुओं के रसूख के आगे अधिकारियों के आदेश हुए बौने, नियमों को धता बताते रहे

बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात बाबूओं का रसूख इतना बढ़ गया है कि वे विभागीय नियमों को खुलेआम धता बता रहे हैं। वर्षों से अटैचमेंट पर चल रहे ये बाबू महत्वपूर्ण पदों पर जमे हुए हैं और किसी भी अधिकारी के आदेश को मानने को तैयार नहीं हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा कई बार अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन इन आदेशों का कोई असर नहीं हुआ है। बाबू अपने पदों से चिपके रहने में कामयाब रहे हैं।

आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग आगरा कार्यालय में वर्षों से अटैचमेंट पर चल रहे बाबुओं का तंत्र इतना गहरा हो चुका है कि इनके आगे सारे नियम और कानून दम तोड़ने लगते हैं। शासन स्तर से अटैचमेंट पर सख्त रोक है, लेकिन आगरा में इस रोक का कोई असर नहीं होता। जिन जिम्मेदारों पर नियमों के पालन करवाने का दारोमदार होता है, उन्हीं के द्वारा दिखाई जा रही असंवेदनहीनता का फायदा बाबुओं द्वारा जमकर उठाया जा रहा है।

आदेश के बावजूद महत्वपूर्ण पटलों पर जमे बाबू

आपको बता दें कि विगत में एडी बेसिक ऐश्वर्या लक्ष्मी ने चार्ज संभाला था तो विभाग में अटैचमेंट का खेल उनके सामने आया था। जिसके बाद एडी बेसिक ने कड़े तेवर दिखाते हुए तत्काल प्रभाव से समस्त अटैचमेंट को समाप्त करते हुए संबंधितों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के लिखित निर्देश दिए थे। एडी बेसिक के निर्देशों को शुरूआत में हीलाहवाली दिखाते हुए बीएसए आगरा ने बाद में कुछ बाबुओं को मुख्यालय से हटाते हुए देहात क्षेत्र के ब्लॉकों की बीआरसी पर जाने हेतु आदेश जारी कर दिया था। बताया जा रहा है कि बीएसए का वह आदेश सिर्फ कागज का टुकड़ा बनकर रह गया। जो घाघ बाबू, मुख्यालय पर अटैचमेंट पर तैनात रहकर मलाईदार पोस्ट के मजे काट रहे थे, उनको कनिष्ठ सहायक बाबू बनकर देहात क्षेत्र में जाना रास नहीं आया। इसके बाद उन्होंने बीएसए के आदेश की पूरी तरह अवहेलना करते हुए आज तक मुख्यालय से चार्ज नहीं छोड़ा है।

जेल जाने वाला बाबू लिख रहा शिक्षकों की कुंडली

आपको बता दें कि मुख्यालय पर अटैचमेंट पर तैनात बाबुओं में सबसे चर्चित नाम उस बाबू का है, जिसकी विभाग में नियुक्ति पर ही शुरू से सवाल उठते रहे हैं। नियुक्ति के बाद उसके कारनामों की पूरी फेहरिस्त बनती चली गई। उसके खिलाफ रिश्वत लेने का प्रकरण दर्ज हुआ तो एंटी करप्शन टीम द्वारा रंगे हाथों पकड़कर जेल भी भेजा गया। जेल से छूटने के बाद भी विभाग में उसका ग्लैमर कम नहीं हुआ। आज भी वह बाबू मुख्यालय पर सबसे महत्वपूर्ण निलंबन/ बहाली के पटल पर तैनात रहकर शिक्षकों की कुंडली लिख रहा है। हाल ही में इसके खिलाफ विजिलेंस से लेकर कमिश्नर, डीएम, सीडीओ के यहां लिखित शिकायत दर्ज हो चुकी है।

समायोजन का बहाना ले रहे अधिकारी

बेसिक शिक्षा विभाग का जिले में सबसे प्रमुख अधिकारी बीएसए होता है। इस महत्वपूर्ण विषय पर उनसे वार्ता करने पर उनका जवाब बेहद निराशाजनक था। अटैचमेंट पर तैनात बाबुओं को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के बाबत उनके द्वारा बताया गया कि विभाग में इस समय समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के उपरांत ही संबंधितों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजा जाएगा।

“विगत में हमारे कार्यालय द्वारा अटैचमेंट को तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए समस्त बाबुओं को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश दिए गए थे। आदेश के बावजूद बाबुओं ने चार्ज नहीं छोड़ा है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। जानकारी जुटाई जाएगी, इसके बाद आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।”
ऐश्वर्या लक्ष्मी- एडी बेसिक, आगरा

सवाल उठ रहे हैं

इस पूरे मामले से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या विभाग में कुछ लोग इन बाबुओं को संरक्षण दे रहे हैं? क्या इन बाबुओं के पास कोई ऐसा सबूत है जो उन्हें बचा रहा है? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब जानने के लिए लोगों में उत्सुकता है।

क्या होगा आगे?

यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है। क्या विभाग इन बाबुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा या फिर उन्हें अपने पदों पर बने रहने दिया जाएगा?

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