भ्रष्टाचार और कथित दलालों का बोलबाला, कार्रवाई से बचते अधिकारी
डॉक्टर के कक्ष में घुसे साजिद और राजा बने फर्जी डॉक्टर, पांच दिन बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं
आगरा। जनपद का सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अछनेरा इन दिनों राम भरोसे चल रहा है। यहां भ्रष्टाचार, कथित दलालों का दबदबा और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर तस्वीर सामने आ रही है। हाल ही में वायरल हुए वीडियो ने इस केंद्र की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
वीडियो में राजा नामक युवक डॉक्टर का परिश्रवक (स्टेथोस्कोप) गले में डालकर मरीज बने साजिद का “चेकअप” करता दिख रहा है। दोनों ही युवक अस्पताल में किसी पद पर तैनात नहीं हैं। इसके बावजूद डॉक्टर के संवेदनशील कक्ष में प्रवेश कर इस तरह की हरकत करना व शोशल मीडिया पर सीएचसी परिसर में डॉक्टर की कुर्सी पर बैठ कर अपने आप को स्वास्थ कर्मी दर्शना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब सीएचसी अधीक्षक की मिलीभगत से हो रहा है। साजिद 2023 से मेडिकल संबंधी कार्यों में अवैध वसूली करता आ रहा है।लेकिन दो महीने पूर्व के इस वायरल हुए वीडियो ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सीएमओ आगरा डॉ. अरुण कुमार ने गुरुवार को वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए स्पष्ट कहा था कि इस कृत्य में शामिल युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके बावजूद सीएचसी अधीक्षक डॉ. नीरज शर्मा कार्रवाई से बचते नज़र आ रहे हैं। उनसे फोन और संदेश के माध्यम से कई बार संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
अवैध वसूली और स्टाफ की मिलीभगत के आरोप
आरोप है कि साजिद मेडिकल संबंधी कार्यों में रुपये लेकर अवैध लेन-देन करता था। हाल ही में क्षेत्र के एक झगड़े के मामले में मेडिकल कराने आए पीड़ित से भी उसने कथित रूप से धनराशि ली। रकम के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिससे सीएचसी स्टाफ और कथित मिलीभगत भी उजागर हो गई।स्वास्थ्य सेवाओं की छवि पर दाग योगी सरकार जहां बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और पारदर्शिता का दावा करती है, वहीं अछनेरा सीएचसी की यह घटना सरकारी नीतियों को पलीता लगा रही है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर किनकी शह पर साजिद और राजा जैसे युवक अस्पताल में मनमानी कर रहे हैं और कार्रवाई में देरी क्यों की जा रही है।