आगरा। जिले के एक जिम ट्रेनर हर्षित ओबराय को दुराचार, धोखाधड़ी और अन्य गंभीर आरोपों में जमानत मिलने से इंकार कर दिया गया है। जिला न्यायाधीश ने हर्षित ओबराय द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज करने का आदेश दिया।
आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज
हर्षित ओबराय, जो सिकंदरा स्थित कावेरी कौस्तुभ टावर का निवासी है, पर आरोप है कि उसने वादनी से सहानुभूति का प्रदर्शन कर नजदीकियां बढ़ाई और बाद में उसे शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार बनाया। वादनी के अनुसार, हर्षित ने पहले उसके घर में रहकर आर्थिक मदद का बहाना बनाया और फिर उसके साथ दुराचार किया। साथ ही, उसने वादनी से पैसे भी लिए और खुद को व्यवसाय में साझेदार भी बना लिया।
आरोपी की धमकी और शोषण की घटनाएं
आरोपी ने 4 अगस्त 2020 को वादनी पर दबाव डालते हुए सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराए, साथ ही चेकों पर भी उसकी साइन करवाई। जब वादनी ने इसका विरोध किया, तो आरोपी ने उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दी। आरोपी ने वादनी से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण करने का आरोप भी स्वीकार किया।
जमानत खारिज करने का निर्णय
इस मामले में वादनी ने वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. रवि अरोड़ा के माध्यम से अदालत में तर्क प्रस्तुत किए, जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया।
इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय ने पीड़िता के आरोपों को गंभीरता से लिया है और आरोपी को जमानत नहीं देने का निर्णय लिया है। इस मामले में और भी युवतियों के आरोप सामने आ चुके हैं, जिनसे यह प्रतीत होता है कि आरोपी का यह कृत्य न केवल एक बार, बल्कि कई बार किया गया है।
पीड़िता का संघर्ष जारी
वादनी अब न्याय की उम्मीद में है और उसने अपनी शिकायत पर न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। इस मामले में आगे की कार्रवाई न्यायालय में होगी, जिसमें आरोपी के खिलाफ सख्त सजा की उम्मीद की जा रही है।