आगरा। आबकारी आयुक्त डा. सेंथिल पांडियन सी. ने सेक्टर चार के निरीक्षक त्रिभुवन सिंह हयांकी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की रिपोर्ट पर की गई। जगदीशपुरा में करोड़ों रुपये की चार बीघा जमीन कब्जाने और फर्जी केस में बेगुनाहों को जेल भेजने के मामले में यह कार्रवाई हुई है।
पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने विगत नौ अक्टूबर की सुबह छह बजे जगदीशपुरा में चार बीघा जमीन पर बने जर्जर मकान में छापा मारा था। टीम ने पूनम, पुष्पा और फुरकान को गिरफ्तार किया था। अंग्रेजी शराब की बोतल और ढक्कन बरामद किए थे। यह चंडीगढ़ मार्का की थी। अवैध शराब की आपूर्ति कहां से हो रही थी। इसकी कोई भी जांच नहीं की।
मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में जांच के लिए डीएम भानु चंद्र गोस्वामी को पत्र लिखा था। डीएम ने संयुक्त मजिस्ट्रेट कृष्ण कुमार सिंह को जांच के आदेश दिए थे। बुधवार को अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दे दी। इसमें आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह हयांकी को प्रारंभिक रूप से दोषी पाया गया। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने आबकारी आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी। आबकारी आयुक्त ने निरीक्षक को निलंबित कर दिया।
आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह हयांकी ने शुक्रवार को आबकारी आयुक्त को एक आडियो दिया। इसमें जगदीशपुरा के चौकी इंचार्ज अनुज कुमार ने नौ अक्टूबर को कॉल किया था। इसमें कहा था कि जल्दी से आ जाओ, भारी मात्रा में शराब मिलेगी। चौकी इंचार्ज के फोन के बाद ही आबकारी टीम संबंधित भवन में पहुंची थी। आबकारी आयुक्त ने यह ऑडियो जिलाधिकारी को भेजा है।
ऑडियो के आधार पर चौकी इंचार्ज अनुज कुमार पर भी शक है। आबकारी आयुक्त ने चौकी इंचार्ज की भी जांच के आदेश दिए हैं।