आगरा: आगरा में आवास विकास परिषद के अधिकारी कथित तौर पर नियमों को ताक पर रखकर सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को खुली चुनौती दे रहे हैं। सिकंदरा योजना के सेक्टर 16 बी में स्थित पदम प्राइड अपार्टमेंट फेज-1 में एक अवैध निर्माण के मामले में परिषद के अधिकारी पिछले चार वर्षों से केवल नोटिस जारी कर फाइलों में कार्रवाई का दिखावा कर रहे हैं। वर्ष 2022 में स्पष्ट रूप से ध्वस्तीकरण का आदेश जारी होने के बावजूद, यह अवैध निर्माण आज तक जस का तस बना हुआ है।
नोटिस का खेल और भ्रष्टाचार के आरोप
पीड़ित अपार्टमेंटवासियों की ओर से शिकायतकर्ता सुशील कुमार पाठक ने मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से परिषद के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि परिषद के अधिकारी बिल्डर से कथित ‘सुविधा शुल्क’ लेकर जानबूझकर कार्रवाई टाल रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, भूखंड संख्या GH-2 का आवंटन स्वीकृत मानचित्र के अनुरूप ऋद्धि सिद्धि बिल्डवेल लिमिटेड को आवासीय अपार्टमेंट निर्माण के लिए किया गया था। निर्माण के दौरान, मानचित्र में दर्शाई गई पार्किंग स्थल पर अस्थायी निर्माण कर उसे स्थायी रूप देने का प्रयास किया गया। गौरतलब है कि बिल्डिंग निर्माण कार्य पूर्ण होने पर वर्ष 2017 में इस निर्माण को मानकों के अनुरूप दर्शाते हुए पूर्णता प्रमाण-पत्र भी जारी कर दिया गया, जबकि पार्किंग स्थल पर बना यह अस्थायी निर्माण स्पष्ट रूप से मानचित्र के विरुद्ध था।
वर्ष 2022 में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए नोटिस जारी किया गया, लेकिन कार्रवाई कागजों तक ही सीमित रही। इसके बाद 2024 में सुशील कुमार पाठक द्वारा फिर से शिकायत की गई, लेकिन परिषद के अधिकारी ध्वस्तीकरण आदेश और नोटिस जारी करने से आगे नहीं बढ़े। आरोप है कि परिषद के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डर को संरक्षण प्राप्त है।
दो माह पूर्व भी मानचित्र के विरुद्ध ग्राउंड फ्लोर की पार्किंग स्थल पर बनाए गए क्लब हाउस तथा बाउंड्री वॉल से सटाकर बनाए गए स्टोर सहित अन्य अवैध निर्माण को हटाने के आदेश पारित किए गए थे, लेकिन इन आदेशों पर अमल करना अधिकारी मानो भूल बैठे हैं।
अग्निशमन विभाग भी जता चुका है आपत्ति, NOC का संकट
शिकायतकर्ता का दावा है कि इस अवैध निर्माण को लेकर अग्निशमन विभाग ने भी आपत्ति दर्ज की थी, जिसके कारण अपार्टमेंट को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) नहीं मिल सका। इससे भवन में रह रहे परिवारों को आग जैसी आपात स्थितियों में भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री से उच्च स्तरीय जांच और कठोर कार्रवाई की मांग
सुशील कुमार पाठक द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत में अवैध निर्माण को तुरंत ध्वस्त करने और अधिशासी अभियंता तथा अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोपों सहित पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। यह मामला आवास विकास परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।