आगरा: सेवा शुक्ल नहीं दोगे तो नहीं मिलेगा ठेका, परिवहन विभाग में स्टाफ कार अनुबंध के नाम पर हो रही घपलेबाजी

Jagannath Prasad
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आगरा: सेवा शुक्ल नहीं दोगे तो नहीं मिलेगा ठेका, परिवहन विभाग में स्टाफ कार अनुबंध के नाम पर हो रही घपलेबाजी

सेवा प्रबंधक कार्यालय में तैनात बाबू पर नियमों को दरकिनार कर चहेती फर्म को ही अनुबंध करने का आरोप

आगरा: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के एक बाबू पर सरकारी नियमों को उल्लंघन कर निजी स्वार्थ सिद्ध करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला आगरा के ईदगाह स्थित सेवा प्रबंधक कार्यालय का है, जहां बाबू संतोष कपूर पर आरोप है कि उन्होंने जेम पोर्टल पर टेंडर प्रक्रिया को नज़रअंदाज़ करते हुए सिर्फ एक चहेती फर्म मानवी ट्रेवल्स को अनुबंध देने के लिए काम किया। इस प्रकरण में शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित शिकायत में आरोप लगाया है कि बाबू की कार्रवाई से सरकारी धन को भारी नुकसान हुआ है और विभाग में गड़बड़ियां बढ़ी हैं।

शिकायतकर्ता ने खोला बाबू का काला चिट्ठा

शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार द्वारा की गई शिकायत

शिकायतकर्ता धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि परिवहन विभाग के अधिकारियों के लिए स्टाफ कार अनुबंध के तहत जेम पोर्टल पर टेंडर निकाले जाते हैं। ताज डिपो, बाह डिपो और फाउंड्री नगर स्टाफ कारों के लिए निकाले गए टेंडरों में बाबू संतोष कपूर ने अपनी मनमानी करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह से प्रभावित किया। उन्होंने जेम पोर्टल पर आने वाली सभी बिड्स को दरकिनार कर सिर्फ एक फर्म मानवी ट्रेवल्स को ही अनुबंध दिलवाया। धर्मेंद्र कुमार का आरोप है कि बाबू ने इस प्रक्रिया में अन्य बिड्स को डिस्क्वालीफाई कर दिया और मानवी ट्रेवल्स को जानबूझकर उच्च कीमत पर ठेका दिया, जिससे विभाग को भारी नुकसान हुआ।

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“सेवा शुल्क” की मांग करने का आरोप

धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जब उन्होंने बाबू से अपनी बिड कैंसिल करने का कारण पूछा तो बाबू ने उनसे सीधे तौर पर “सेवा शुल्क” की मांग की। धर्मेंद्र ने जब इस सुविधा शुल्क को देने से मना किया, तो बाबू ने उन्हें ठेका देने से साफ इंकार कर दिया। उनका आरोप है कि बाबू संतोष कपूर ने पूरी प्रक्रिया को अपने आर्थिक फायदे के लिए किया, जिससे विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर से हटा और ठेके की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी आई।

विभागीय अधिकारियों की चुप्पी

धर्मेंद्र कुमार के अनुसार, विभागीय अधिकारी इस मामले में जानबूझकर अनजान बने हुए हैं और उन्हें संतोष कपूर की गतिविधियों का पूरा पता है। इसके बावजूद वे किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे बाबू का मनोबल बढ़ रहा है। विभागीय अधिकारियों की चुप्पी और बाबू की मनमानी ने विभागीय कामकाजी प्रणाली को भ्रष्ट बना दिया है।

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आर्थिक नुकसान और अनियमितताएं

धर्मेंद्र कुमार का आरोप है कि जेम पोर्टल पर प्रतिस्पर्धा के अभाव में विभाग को न केवल आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि इसके चलते सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा है। यदि बाबू की इस मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो विभाग को अधिक पारदर्शिता और वित्तीय लाभ हो सकता था।

सेवा प्रबंधक का फोन रिसीव नहीं हुआ

जब इस मामले में बात करने के लिए सेवा प्रबंधक तुलाराम वर्मा से संपर्क किया गया, तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। इससे यह भी संदेह होता है कि विभागीय अधिकारी इस गंभीर मामले में अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।

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मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग

धर्मेंद्र कुमार ने इस मामले में मुख्यमंत्री से लेकर परिवहन मंत्री, आयुक्त आगरा, जिलाधिकारी आगरा और अन्य संबंधित अधिकारियों को शिकायत भेजी है। उन्होंने मांग की है कि बाबू संतोष कपूर की गतिविधियों की गहन जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि जेम पोर्टल पर टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, ताकि विभाग को अधिक लाभ हो सके और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके।

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