- पांच करोड़ की प्रतिबन्धित और नकली दवाएं पकड़ीं
- बिहार के रास्ते बांग्लादेश ले जाने से पहले ही जप्त कर ली
- ONR हेल्थकेयर प्रा. लि. के नाम से कंपनी चल रही थी
सौरभ शर्मा
आगरा। आगरा में बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं का निर्माण हो रहा है और इसकी सप्लाई देशभर में व अन्य पड़ोसी देशों तक हो रही हैं।
शनिवार को नारकोटिक्स विभाग ने छापा मारा जिसमें पांच करोड़ की प्रतिबन्धित और नकली दवाएं पकड़ीं । टीम ने थाना जगदीशपुरा के अंतर्गत बिचपुरी में कृष्ण बिहार फेज थर्ड मौज लड़ामदा में नकली दवा बनाने की फैक्टरी पकड़ी है। अधिकारियों के अनुसार प्राप्त गोपनीय सूचना के आधार पर एंटी नारकोटिक्स और ड्रग विभाग को गुप्त जानकारी मिली की नशे के रूप में और केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबन्धित दवा की खेप बिचपुरी चौकी स्थित रोड से होकर ले जाई जाएँगी। इस पर तत्काल टीम ने पहुँच कर। दवा ले जा रहे लोगों को पकड़ा।
मौके से पकड़े दो व्यक्तियों के पास एलप्रेक्स् (नींद की दवा),फेंसिड्रिल,कोडिनेट कफ सिरप बरामद हुए। पूछताछ करने पर गिरफ्तार हुए व्यक्तियों ने बताया कि वे ये दवाएं कृष्ण बिहार, लड़ामदा फैक्टरी से लेकर आये हैं, साथ ही दहतोरा गांव में भी फैक्टरी होनी की बात कबूली। इस पर टीम ने सबसे पहले पास की फैक्टरी पर छापा डाला। फिर दहतोरा में भी टीम भेज कार्यवाही की। जब पहली फैक्टरी अधिकारी पंहुचे तो वे भी दंग रह गए। वहाँ पर एलकोजोलम टेबलेट का मशीनें लगा कर उत्पादन किया जा रहा था।
ONR हेल्थकेयर प्रा. लि. के नाम से कंपनी चल रही थी। टीम ने कैंट स्टेशन के पार्सल रूम पर भी छापा मारकर नकली दवा व सिरप की खेप बिहार के रास्ते बांग्लादेश ले जाने से पहले ही जप्त कर ली। और अधिकारियों ने जप्त की गई दवाओं का सीजर बना कर। दवा के नमूने ले लिए हैं जो जांच के लिए भेजे हैं। माननीय न्यायलय की विवेचना के बाद इसमें वाद दाखिल किया जायेगा।
वही सिकंदरा में प्राची टावर के पास 100 फुटा रोड कल्पना कुंज स्थित पाराशर गार्डन में दबिश दी. इस जगह का मालिक भोगीपुरा का रहने वाला अजीत पाराशर है. यहां पर मैरिज होम के साथ राधा कृष्ण स्कूल भी बना है जिसमें बच्चे कम है और कई कक्षाएं खाली हैं. बताया जाता है कि बिचपुरी के रहने वाले विजय गोयल ने अप्रैल 2023 में यह जगह किराए पर ली थी और वहां बिना लाइसेंस के दवा फैक्टरी संचालित की जा रही थी।
अब देखना होगा तो भ्रष्ट तंत्र के चलते क्या जनता के दुश्मन नकली दवा माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी या ऐसे ही फिर एक बार पिछले मामलों की तरह यह मामला भी गुम होता दिखाई देगा । वैसे नारकोटिक्स टीम की सराहना की जानी चाहिए कि वह दिल्ली में बैठकर यहां नकली दवा बनाने वालों पर कार्यवाही कर रहे हैं जबकि स्थानीय और औषधि विभाग सिर्फ दुकानदार व अन्य ब्लड बैंक आदि से नोटिस नोटिस का खेल खेल रहे हैं । जिसके चलते जनपद में दवा माफियाओं पर रोक लगाना मुश्किल हो रहा है।