चार्ज संभालते ही उपनिदेशक ने आसानी से निपटा दिए अपने विरोधी
5 साल से जिला उद्यान अधिकारी के पद पर काबिज हैं डीडी
शासन में मजबूत पकड़, दो बार रुकवा चुके हैं अपना तबादला
अग्र भारत संवाददाता
आगरा। वाह रे उद्यान विभाग! अधिकारी एक और प्रभार तीन…। इसे कहते हैं शासन में मजबूत पकड़ का सही इस्तेमाल। जी हां! हम बात कर रहे हैं आगरा के उद्यान विभाग की। यहां लगभग 5 साल से जमे उप निदेशक उद्यान का जलवा-जलाल है । अपने विभागीय विरोधी अधिकारियों को दो बार पटखनी देकर अपना तबादला रुकवाने में कामयाब रहे उप निदेशक उद्यान की काबिलियत का लोहा मानते हुए निदेशालय ने न सिर्फ उनके इस हुनर की दाद दी बल्कि विभाग के दो अन्य विभागों ( जिला उद्यान अधिकारी और राजकीय उद्यान अधीक्षक) का अतिरिक्त प्रभार देकर उनका महिमामंडन किया है।
वैसे तो उद्यान विभाग में उपनिदेशक रहे कई नामचीन चेहरे हैं जिन्होंने आगरा और झांसी में उपनिदेशक पद पर रहते हुए अपनी पूरी जिंदगी गुजार दी। इनमें दो का जिक्र प्रमुखता से होता है। इनमें एक रामजीलाल वर्मा और दूसरे भैरम सिंह हैं। भैरम सिंह सिंह का झांसी तबादला होने के बाद आगरा के उप निदेशकों की फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ा, जिनका नाम कौशल कुमार नीरज है। उन्होंने लगभग 5 साल पहले 23 जून 2017 में उपनिदेशक आगरा का चार्ज संभाला था। तब से लेकर अब तक वे इस पद की महिमा को सुशोभित कर रहे हैं।
एक साल में ही निपटा दीं तत्कालीन डीएचओ
उपनिदेशक कौशल कुमार नीरज और तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह के मध्य विभागीय कामकाज के लिहाज से नक्षत्रों की स्थिति विपरीत रही। सूत्रों का कहना है कि इसका खामियाजा भी अनीता सिंह को उठाना पड़ा। नतीजतन उन्हें आगरा से बाहर का रास्ता दिखा कर मैनपुरी की डीएचओ का कार्यभार ग्रहण करना पड़ा।
25 जुलाई 2018 को संभाला आगरा के डीएचओ का चार्ज
तत्कालीन डीएचओ आगरा अनीता सिंह के मैनपुरी रवाना होने के बाद उपनिदेशक कौशल कुमार नीरज को उद्यान निदेशालय से पहले तोहफे के रूप में डीएचओ आगरा का अतिरिक्त चार्ज मिला।
अधिकारों में विस्तार, पूर्व उद्यान अधीक्षक को भी दी पटखनी
विभागीय विरोधियों पर अंकुश लगाते हुए उप निदेशक उद्यान नीरज ने तत्कालीन राजकीय उद्यान अधीक्षक मुकेश कुमार का भी विकेट गिराकर आगरा से रुखसत करवा दिया। बाद में उनकी जगह डॉ . संजीव वर्मा वर्मा ने ली । सूत्र बताते हैं कि डॉ . संजीव वर्मा भी उपनिदेशक की कसौटी पर खरे नहीं उतरे । यही वजह है कि दोनों अधिकारियों के बीच संबंध संतोषजनक नहीं रहे, बाद में डॉ. संजीव वर्मा को फ़िरोजाबाद के डीएचओ का अतिरिक्त चार्ज मिला। इससे उपनिदेशक उद्यान में अंदरूनी तिलमिलाहट और बढ़ गई।
5 अफसरों के निलंबन पर जागी उम्मीद
करीब 2 माह पूर्व न्यायालय के आदेश पर शासन ने प्रदेश में 5 उद्यान अफसरों का निलंबन किया था। इसके बाद उपनिदेशक कौशल कुमार नीरज की उम्मीद ने एक बार फिर अंगड़ाई ली। निलंबन की सूची में डॉक्टर संजीव वर्मा का नाम भी शामिल था। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पांचों अधिकारियों के निलंबन के तत्काल बाद उपनिदेशक कौशल कुमार नीरज ने लखनऊ में जाकर डेरा डाल लिया था। इस कवायद का उन्हें उम्मीद के मुताबिक फायदा तो नहीं हुआ लेकिन निदेशालय से उन्हें राजकीय उद्यान अधीक्षक आगरा का अतिरिक्त कार्य देकर विदा कर दिया गया। अब वे उपनिदेशक के अलावा जिला उद्यान अधिकारी और राजकीय उद्यान अधीक्षक के पद पर भी काबिज हैं।
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चार्ज संभालते ही उपनिदेशक ने आसानी से निपटा दिए अपने विरोधी5 साल से जिला उद्यान अधिकारी के पद पर काबिज हैं डीडीशासन में मजबूत पकड़, दो बार रुकवा चुके हैं अपना तबादलाएक साल में ही निपटा दीं तत्कालीन डीएचओ25 जुलाई 2018 को संभाला आगरा के डीएचओ का चार्जअधिकारों में विस्तार, पूर्व उद्यान अधीक्षक को भी दी पटखनी5 अफसरों के निलंबन पर जागी उम्मीद