आगरा: आगरा में पुलिस द्वारा किए गए एक विवादास्पद कृत्य ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में खंदौली पुलिस का एक शर्मनाक चेहरा सामने आया है, जब खनन माफिया के दबाव में पुलिस ने चार मजदूरों को फंसाकर उनके साथ मारपीट की और बाद में वसूली के नाम पर उनसे पैसे लिए। यह घटना नए साल में आगरा पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के बावजूद हुई, जिसमें पुलिसकर्मियों को पब्लिक के साथ अच्छे व्यवहार की हिदायत दी गई थी।
मामला क्या है?
यह घटना 22 दिसंबर 2024 की रात की है, जब खंदौली क्षेत्र के चार मजदूर – सनी, भोला, हम्मीर और एक अन्य युवक – नादऊ गांव में रहने वाले एक दबंग खनन माफिया से मिट्टी डलवाने के लिए गए थे। उन्होंने अपनी बात उससे करने के लिए उसके पास जाने का निर्णय लिया था, लेकिन उसी रात यह आरोप लगाया गया कि माफिया की बाइक चोरी हो गई थी। हालांकि, आरोपियों ने बताया कि वे उस दिन केवल काम के सिलसिले में गए थे।
पुलिस ने की मारपीट और वसूली
बाइक चोरी के शक में पुलिस ने इन चारों युवकों को पकड़कर थाने लाया और उन पर बुरी तरह से मारपीट की। इसके बाद दबंग माफिया ने पीड़ितों के परिवारों पर पैसे वसूलने के लिए दबाव डाला। भोला के परिवार ने अपना घर गिरवी रखकर पैसे जुटाए और पंचायत के बाद 1 लाख रुपये की राशि एकत्र की। इसके बाद दबंग ने युवकों के परिवारों से 25-25 हजार रुपये और इकट्ठा किए। इस वसूली का वीडियो किसी ने बना लिया, जिसमें दबंग माफिया पैसे गिनते हुए नजर आ रहा था।
चालान और धमकियां
दबंग से एक लाख रुपये मिलने के बाद, खंदौली पुलिस ने 24 दिसंबर को इन चारों युवकों के खिलाफ शांति भंग का मामला दर्ज किया और उनका चालान कर दिया। हालांकि, बाद में आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन दबंग ने फिर भी धमकी दी कि अगर किसी ने शिकायत की तो फर्जी मामलों में उन्हें फंसा कर जेल भेज दिया जाएगा। इसके बाद दबंग ने 1.25 लाख रुपये और मांगे और पैसे न देने पर जेल भेजने की धमकी दी।
शिकायत और पुलिस कार्रवाई
भोला, सनी और हम्मीर सिंह ने अंततः पुलिस से शिकायत की और एसीपी एत्मादपुर पियूषकांत राय से मदद मांगी। एसीपी पियूषकांत राय ने कहा कि उन्हें इस मामले में शिकायत मिली है और पीड़ितों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और यदि आरोपों की पुष्टि होती है तो संबंधित पुलिसकर्मियों और दबंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस गाइडलाइन का उल्लंघन
यह घटना उस समय हुई जब पुलिस कमिश्नर जे. रविन्द्र गौड़ ने नए साल पर एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें पुलिसकर्मियों को पब्लिक के साथ आदर्श व्यवहार करने की सलाह दी गई थी। इसके बावजूद खंदौली पुलिस ने इस गाइडलाइन की अवहेलना की और खनन माफिया के दबाव में आकर इस मामले को अंजाम दिया।
इस मामले ने एक बार फिर पुलिस और माफिया के रिश्तों की कड़वी सच्चाई को उजागर किया है। लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि पुलिस कब तक माफिया के इशारे पर काम करेगी और कब तक कमजोर और गरीब जनता को इस तरह का शोषण सहना पड़ेगा।
आगरा पुलिस अब इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है। एसीपी पियूषकांत राय ने कहा कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या माफिया के साथ मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।