आगरा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर शनिवार को समाजवादी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। सपा ने गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफा की मांग की और भाजपा को दलितों तथा पिछड़े वर्ग के विरोधी के रूप में आरोपित किया। इसके अलावा, पार्टी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
क्या था गृहमंत्री का बयान?
दो दिन पहले संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई थी। गृहमंत्री के इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने यह आरोप लगाया कि यह टिप्पणी आपत्तिजनक थी और इससे दलितों, पिछड़ों और शोषित वर्गों को गहरा आघात पहुंचा है।
सपा का विरोध प्रदर्शन
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन कोहली के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ता पार्टी के जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और फिर कलेक्ट्रेट की ओर रुख किया। वहां उन्होंने गृहमंत्री के बयान का विरोध किया और इस्तीफे की मांग की। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की। ज्ञापन में कहा गया कि भाजपा की मानसिकता संविधान विरोधी है और यह दलितों और पिछड़ों के विरोध में काम करती है।
सपा का आरोप
नितिन कोहली ने कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर हमारे संविधान निर्माता हैं और दलितों तथा पिछड़ों के मसीहा माने जाते हैं। गृहमंत्री का बयान उनकी महानता और योगदान को नकारने वाला है। यह बयान सिर्फ एक वर्ग को नहीं, बल्कि पूरे देश के संविधान को अपमानित करने जैसा है। भाजपा की यह मानसिकता हमेशा दलितों और पिछड़ों के खिलाफ रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक गृहमंत्री अमित शाह सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक समाजवादी पार्टी उनका विरोध करती रहेगी और जरूरत पड़ने पर उग्र आंदोलन भी करेगी।
आंदोलन में शामिल नेता
इस विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें आजाद सिंह जाटव, सुरेश चंद्र सोनी, राजीव पोद्दार, सुनील यादव, मुवीन खान, इमरान कुरैशी, राजेंद्र शर्मा, करनवीर, आदित्य गौतम, विराट यादव, आकाश यादव, अकबर खान, राहुल शाक्य, वरुण देशभक्त, चंद्रकांत, हुनर गौतम, शुभम गौतम, मोहसिन, अखिल गुप्ता, सुहैल खान, अरविंद कुशवाह, करनवीर, बिट्टू वाल्मीकि, दुर्गेश वाल्मीकि, मनीष जाटव, विजय गौतम, सतेन्द्र उपाध्याय, अन्गेश वर्मा, जय प्रकाश निगम आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।
समाजवादी पार्टी का यह प्रदर्शन भाजपा और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। सपा का कहना है कि यह बयान दलितों और पिछड़ों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है, और जब तक गृहमंत्री माफी नहीं मांगते, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।