आगरा: पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले में 27 निर्दोष भारतीयों की हत्या के विरोध में आगरा के शिक्षकों ने गुरुवार को सड़कों पर उतरकर कैंडल मार्च निकाला। आगरा प्रोग्रेसिव टीचर्स एसोसिएशन (आप्टा) के आह्वान पर आयोजित इस मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया। आप्टा के संस्थापक और संयोजक सुनील उपाध्याय ने बताया कि संगठन से जुड़े लगभग 500 शिक्षण संस्थानों ने गुरुवार को इस नरसंहार के विरोध में अवकाश रखा।
शाम को, शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए सैकड़ों शिक्षक संजय प्लेस में एकत्रित हुए और हाथों में जलती हुई मोमबत्तियां लेकर मार्च किया। शिक्षकों का यह शांतिपूर्ण मार्च शहीद स्मारक पर पहुंचकर समाप्त हुआ, जहां उन्होंने मोमबत्ती जलाकर और दो मिनट का मौन धारण कर पहलगाम के पीड़ितों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
आप्टा के अध्यक्ष डॉ. मोहित दीक्षित ने इस अवसर पर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अब बहुत हो चुका है। आतंकवादियों को ऐसी कठोर सजा दी जानी चाहिए कि उन्हें न जमीन मिले और न ही आसमान। उन्होंने कहा कि इस बार ऐसी निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है जिससे आतंकवाद का समूल नाश हो जाए। आतंकवाद के खिलाफ शिक्षकों की इस एकजुटता और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण के दृश्य ने पूरे आगरा शहर को यह संदेश दिया कि अब देशवासी इस प्रकार के नरसंहार को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा के दौरान लोगों की आंखें नम थीं और उनका गुस्सा नारों के रूप में फूट पड़ा। “भारत माता की जय”, “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “आतंकवादियों को गोली मारो” जैसे नारे शहीद स्मारक पर लगातार गूंजते रहे। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. मोहित दीक्षित के अलावा मुकेश मिरचंदानी, वैभव बंसल, राजकुमार गुप्ता, दीपक धनकानी, उमेश टीन्ना, नितिन मित्तल, पवन धनवानी, मनीष गोयल, अनुष्का कोडलानी, प्रियंका अग्रवाल, आशु गोयल, नीरज शर्मा, अनिल रजवानी और संतोष गुप्ता सहित अनेक शिक्षक मौजूद रहे।