अर्जुन सिंह
आगरा : यातायात पुलिस ऑनलाइन सुविधा शुल्क वसूली में लगी हुई है। बाहरी नंबरों के वाहनों को निशाना बनाकर उन्हें रोका जा रहा है और फिर उन्हें 5, 10, 15 हजार रुपये का जुर्माना बताया जा रहा है। जब वाहन चालक मामले को रफा-दफा करने की बात कहते हैं तो पुलिसकर्मी तुरंत राजी हो जाते हैं। कोई कैश देता है तो ले लिया जाता है, जब ऑनलाइन करने की बात आती है तो पास में दुकान लगाकर खड़े दुकानदारों से ऑनलाइन पेमेंट करवा लिया जाता है।
आगरा के सिकंदरा चौराहे पर यातायात पुलिस के हवलदार और चौराहे पर लगे होमगार्ड और पीआरडी जवान बाहरी नंबरों के ट्रकों को देखकर ऐसे देखने लगते हैं जैसे कोई दिवाली पर फोड़ने के लिए पटाखा आ गया हो। चौराहे पर बाहरी नंबरों की गाड़ियां पहुंचते ही उन्हें रोक लिया जाता है और उनसे कागजात कार्रवाई के लिए मांग लिए जाते हैं। जब कार्रवाई के लिए उन्हें 5, 10, 15 हजार रुपये का जुर्माना बता दिया जाता है तब ड्राइवर मामले को ऐसे ही रफा-दफा करने की बात कहने लगते हैं और ट्रैफिक के जवान तुरंत इस पर राजी हो जाते हैं। कोई कैश देता है तो ले लिया जाता है, जब ऑनलाइन करने की बात आती है तो पास में दुकान लगाकर खड़े दुकानदारों पर ऑनलाइन पेमेंट कर दिया जाता है।
यह मामला बुधवार को भी देखने को मिला। यातायात पुलिस के द्वारा नंबर फाल्ट के चलते एक बाइक सवार को रोका गया। पास में कैश पेमेंट ना होने पर पास में ही दुकान पर पीआरडी जवान ले जाकर ऑनलाइन पेमेंट करवा लेता है। यह पूरा नजारा एक संवाददाता के कमरे में कैद हो गया।
यातायात पुलिस के अधिकारियों द्वारा हेड कांस्टेबलों से चालान करने की अथॉरिटी कई महीने पहले हटा दी गई थी लेकिन आज भी हेड कांस्टेबल चौराहे पर लगातार चालान करते हुए नजर आते हैं। वही ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई आराम से बैठे हुए नजर आते हैं। जिसकी वजह से हेड कांस्टेबल पूरा फायदा उठाते हैं। किसी-किसी चौराहे पर तो हेड कांस्टेबल चालान करते नजर आते हैं और टीएसआई साहब चौराहे को चलते हुए दिखाई देते हैं।
चौराहे पर एक तरफ यातायात पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था सामान्य और सुचारू करने में लगी रहती है तो वही हेड कांस्टेबल होमगार्ड के साथ चौराहे पर चालान की कार्रवाई दिखाते हुए अवैध वसूली ऑफलाइन ऑनलाइन करते हुए नजर आते हैं। और बाहर के नंबर की गाड़ियों को सबसे पहले टारगेट बनाया जाता है।
चौराहे पर बाहर के नंबरों के ट्रक तुरंत रोक लिए जाते हैं और उनमें ड्यूटी में तैनात होमगार्ड और पीआरडी के जवानों को चढ़ा दिया जाता है। इसके बाद शुरू होता है कमाई का खेल। अपनी जान जोखिम में डालकर यह जवान ट्रैकों के केबिन में चढ़ जाते हैं। इसी तरह पहले केविन में चढ़ने से कई हादसे भी हो चुके हैं लेकिन आगरा पुलिस अब भी इससे सबब नहीं ले रही है।
हेड कांस्टेबल लगे रहते चालान करने में
यातायात पुलिस के अधिकारियों द्वारा हेड कांस्टेबलों से चालान करने की अथॉरिटी कई महीने पहले हटा दी गई थी लेकिन आज भी हेड कांस्टेबल चौराहे पर लगातार चालान करते हुए नजर आते हैं वही ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई आराम से बैठे हुए नजर आते हैं जिसकी वजह से हेड कांस्टेबल पूरा फायदा उठाते हैं किसी-किसी चौराहे पर तो हेड कांस्टेबल चालान करते नजर आते हैं और टीएसआई साहब चौराहे को चलते हुए दिखाई देते हैं
चौराहे पर लगा रहता है जाम
एक तरफ यातायात पुलिस चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था सामान्य और सुचारू करने में लगी रहती है तो वही हेड कांस्टेबल होमगार्ड के साथ चौराहे पर चालान की कार्रवाई दिखाते हुए अवैध वसूली ऑफलाइन ऑनलाइन करते हुए नजर आते हैं और बाहर के नंबर की गाड़ियों को सबसे पहले टारगेट बनाया जाता है यह पूरा नजारा सिकंदरा चौराहे का है
जान जोखिम में डाल पीआरडी जवान चढ़ जाते ट्रक में
चौराहे पर बाहर के नंबरों के ट्रक तुरंत रोक लिए जाते हैं और उनमें ड्यूटी में तैनात होमगार्ड और पीआरडी के जवानों को चढ़ा दिया जाता है इसके बाद शुरू होता है कमाई का खेल अपनी जान जोखिम में डालकर यह जवान ट्रैकों के केबिन में चढ़ जाते हैं इसी तरह पहले केविन में चढ़ने से कई हादसे भी हो चुके हैं लेकिन आगरा किया था याद पुलिस अब भी इससे सबब नहीं ले रही है
ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद बाइक सवार दिखता मोबाइल
चालान जैसे ही दिखाई ही गिनया ड्राइविंग लाइसेंस इतने रुपए बीमा इतने रुपए हेलमेट इतने रुपए टोटल इतना बनता है बताओ क्या करना है तो वाहन चालक निवेदन करते हुए मामले को रफत दफा करने पर आ जाता है तभी एक पीआरडी के जवान को पास की दुकान पर भेज कर बाइक सवार से ऑनलाइन पेमेंट कर लिया जाता है और ओके की रिपोर्ट कहकर रवाना कर दिया जाता है