किरावली, आगरा: भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान में एक और बड़ी सफलता मिली है। किरावली तहसील में तैनात लेखपाल नारायण दास को जमीन से जुड़ी रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद जेल भेज दिया गया है। भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय, मेरठ ने लेखपाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में लेखपाल के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है, जिसमें उसके पुराने कार्यों की भी समीक्षा की जा रही है।
25 हजार की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया था गिरफ्तार
घटना शनिवार को किरावली में हुई थी। अटूस गांव निवासी लेखपाल नारायण दास को एंटी करप्शन टीम ने 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। आरोप है कि उसने गांव रायभा निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक रामचरण सिंह के भाइयों से संबंधित भूमि संबंधी रिपोर्ट लगाने के लिए एक लाख रुपये की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया और लेखपाल को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
एंटी करप्शन पुलिस टीम ने रविवार को आरोपी लेखपाल नारायण दास को विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण मेरठ में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
लेखपाल के पुराने कार्यों की गहनता से जांच में जुटा प्रशासन
इस घटना के बाद, तहसील प्रशासन अब लेखपाल नारायण दास के हालिया और पुराने विभागीय कार्यों पर भी पैनी नजर रख रहा है। जांच की जा रही है कि उसने कितने भूमि विवादों में रिपोर्ट लगाई है और कितने मामलों में पैमाइश की गई है। संबंधित मामलों में शामिल पक्षों से भी अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा सकती है ताकि यह पता चल सके कि कहीं और भी भ्रष्टाचार तो नहीं हुआ है।
प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।