खेरागढ़ (आगरा)- कस्बा खेरागढ़ के ब्रजधाम उदासीन आश्रम पुल वाले हनुमान मंदिर पर श्री श्री अनन्त श्री स्वामी बृजानन्द जी महाराज अवधूत के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण के तीसरे दिन शनिवार को भक्त प्रल्हाद चरित्र और नरसिंह अवतार प्रसंग पर कथा का विस्तार से वर्णन किया गया। कथा वाचक भागवताचार्य ऋषि कृष्ण महाराज ने ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया।
इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।