आगरा: 8 वर्षीय अबोध बालिका से दुराचार और पॉक्सो एक्ट के एक जघन्य मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट शिव कुमार ने आरोपी रोहित पुत्र राजू (निवासी राहुल नगर, नई आबादी, नरीपुरा, थाना शाहगंज, जिला आगरा) को दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष सश्रम कैद और 24 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
टॉफी का लालच देकर की थी दरिंदगी
थाना शाहगंज में दर्ज मामले के अनुसार, वादनी मुकदमा की 8 वर्षीय पुत्री 30 अक्टूबर 2022 की सुबह करीब 11:30 बजे अपनी नानी के घर के बाहर खेल रही थी। उसी दौरान आरोपी रोहित उर्फ राजू ने बच्ची को टॉफी दिलाने का लालच देकर अपने घर ले गया। वहां आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया।
वादी की तहरीर पर आरोपी के विरुद्ध अश्लील हरकत, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
5 गवाहों की गवाही और कोर्ट की तीखी टिप्पणी
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक माधव शर्मा ने वादी मुकदमा, पीड़िता, उसकी मां सहित 5 गवाहों को अदालत में पेश किया। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और विशेष लोक अभियोजक माधव शर्मा के तर्कों के आधार पर आरोपी रोहित को दोषी पाया और उसे 20 वर्ष सश्रम कैद तथा 24 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
अपने आदेश में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी का कृत्य अत्यंत विभत्स प्रकृति का है। उन्होंने कहा कि “हमारे देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान वृहद स्तर पर चलाया जाता है, किंतु दुख का विषय है कि हम आज भी अपनी अबोध बालिकाओं को लैंगिक हमलों के अपराध से बचाने में पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहे हैं। समाज से यह कुरीति मिट नहीं रही है।
अदालत ने आगे कहा कि “यदि इस प्रकार के अपराधों पर समाज में सख्ती से रोकने का प्रयास नहीं किया गया तो अवयस्क बालक तथा बालिकाएं जो हमारे देश का भविष्य हैं, उनका सामाजिक एवं शैक्षिक विकास नहीं हो पाएगा, तथा संपूर्ण जीवन ऐसा बालक इस प्रकार के कृत्य की मानसिक यंत्रणा के कष्ट में ही रहेगा।