आगरा: जिले में किसानों का संघर्ष जारी है, जहां किसान नेता श्याम सिंह चाहर का आमरण अनशन और किसानों का धरना विकास भवन पर जारी है। श्याम सिंह चाहर की तबियत बिगड़ने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें आज छठी बार जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। उनका अनशन लगातार जारी रहने के कारण उनकी तबियत में तेजी से गिरावट आई है, जिसके चलते प्रशासन को उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
कांग्रेस नेता ने दिया प्रशासन को अल्टीमेटम
किसान नेता श्याम सिंह चाहर की हालत को लेकर कांग्रेस पार्टी भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस के नेता रामनाथ सिकरवार, पूर्व शहर अध्यक्ष अमित सिंह और वरिष्ठ नेता हेमंत चाहर का एक प्रतिनिधिमंडल आज अस्पताल में श्याम सिंह चाहर से मिलने पहुंचा। कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो कांग्रेस पार्टी भी इस आंदोलन में कूद पड़ेगी।
किसानों ने चेतावनी दी
किसान नेता चौधरी भूरी सिंह ने धरना स्थल विकास भवन पर पहुंचकर धरनारत किसानों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के धैर्य की परीक्षा लेना बंद कर दें।
किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन और सहकारिता विभाग के अधिकारियों का गठजोड़ सत्ता में बैठे नेताओं के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने 21 सहकारी समितियों के गोदामों के निर्माण में 4 करोड़ 12 लाख रुपये के घोटाले और अनियमितताओं की जांच का विधिवत खुलासा करने की मांग की।
धरने में शामिल किसान
धरने में मुख्य रूप से दाताराम लोधी, रामेश्वर तोमर, छीतरिया, महताब चाहर, रामू चौधरी, नागेंद्र फौजी, प्रदीप फौजदार, विशम्बर सिंह, विनोद फौजदार, लाखन सिंह, महेश फौजदार, दीपू चाहर, भरत कुशवाह, पप्पू कोली, ओमप्रकाश बघेल, वीरेंद्र चाहर, लीलाधर, चक्खन लाल जैसे किसान नेता और किसान मौजूद रहे। इन किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई है।
किसान आंदोलन का यह सिलसिला आगामी दिनों में और तेज हो सकता है, अगर प्रशासन उनकी मांगों को नजरअंदाज करता है। किसान नेता श्याम सिंह चाहर के आमरण अनशन और कांग्रेस पार्टी के समर्थन के बाद यह मामला और गरमा सकता है।