लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की सियासी बिसात पर एक नया मोहरा चला गया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में अचानक से हलचल मचा दी है। यह हलचल किसी बड़े नेता के बयान से नहीं, बल्कि चर्चित मोटिवेशनल स्पीकर और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अवध ओझा के एक बड़े दावे से पैदा हुई है। ओझा ने 2027 के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सनसनीखेज भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) 210 सीटें हासिल करेगी और अखिलेश यादव एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।
बागपत से उठा सियासी तूफान: वायरल हुआ अवध ओझा का वीडियो
यह महत्वपूर्ण बयान बागपत जिले के शांत फुलहर गांव में एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया। अवध ओझा के इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है, जिसे लेकर राजनीतिक पंडित और आम जनता, दोनों में बहस छिड़ गई है। अपने संबोधन में ओझा ने अखिलेश यादव को एक “विजनरी नेता” (दूरदर्शी नेता) बताते हुए उनकी तारीफ की। उन्होंने जोर देकर कहा कि अखिलेश यादव में उत्तर प्रदेश को एक नई दिशा और प्रगति की ओर ले जाने की पूरी क्षमता है।
अवध ओझा: शिक्षा जगत से राजनीति तक का सफर
अवध ओझा का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। वे न केवल एक लोकप्रिय शिक्षक हैं, बल्कि एक प्रभावशाली मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जिनके लाखों प्रशंसक हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी ज़बरदस्त पकड़ है। उनके यूट्यूब चैनल ‘Ray Avadh Ojha’ पर 9 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर उनके 20 लाख से भी ज़्यादा फॉलोअर्स हैं।
ओझा ने चाणक्य आईएएस अकादमी और अनअकैडमी जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से भी अपना जुड़ाव रखा है, जिससे उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि और विषय पर उनकी पकड़ स्पष्ट होती है। हाल ही में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा था और 2025 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली की पटपड़गंज सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल पाई थी।
“अखिलेश में है बदलाव लाने का विजन”: ओझा का तर्क
फुलहर गांव में दिए गए अपने भाषण में अवध ओझा ने बड़े आत्मविश्वास से कहा, “2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। अखिलेश यादव एक विजनरी नेता हैं, और अब जनता परिवर्तन चाहती है। उत्तर प्रदेश अब युवाओं की सोच के साथ आगे बढ़ेगा।” ओझा का यह दावा ऐसे समय में आया है जब भाजपा के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के सामने 2027 के चुनावों में अपनी वापसी सुनिश्चित करने की चुनौती है।
सियासी गलियारों में तेज़ हुई चर्चाएं
अवध ओझा के इस दावे के बाद उत्तर प्रदेश के सियासी हलकों में चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। राजनीतिक विश्लेषक और मीडियाकर्मी इस बयान के निहितार्थों पर गौर कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल, खासकर भाजपा और स्वयं समाजवादी पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में अन्य दल इस दावे पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
भविष्य के गर्भ में छिपा सच
अवध ओझा की यह भविष्यवाणी कितनी सटीक साबित होती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि उनके इस बयान ने 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से ही राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। क्या अखिलेश यादव एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी कर पाएंगे, और क्या अवध ओझा की यह भविष्यवाणी जमीनी हकीकत में बदल पाएगी, यह देखना शेष है।