अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश: आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाए जा रहे ‘संविधान हत्या दिवस’ के कार्यक्रम के दौरान अंबेडकरनगर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई. यहां भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रिंकल सिंह राज्यसभा सांसद बृजलाल के सामने फूट-फूटकर रो पड़ीं और उनके पैरों में गिरकर गुहार लगाई, “भैया मुझे न्याय दिला दो.”
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
रिंकल सिंह ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीओ भीटी और महरुआ थाने की पुलिस आरोपियों को संरक्षण दे रही है और उन्हें प्रताड़ित कर रही है. जब उन्हें इस मामले में न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने एक भरे कार्यक्रम में सांसद बृजलाल से मदद मांगी.
सांसद के आश्वासन के बाद हुई शांत
राज्यसभा सांसद बृजलाल की मौजूदगी में रिंकल सिंह मंच पर ही रो पड़ीं. उन्होंने मंच पर सांसद के पास पहुंचकर हाथ जोड़कर न्याय की गुहार लगाई और उनके पैरों में गिर गईं. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी वह सांसद के वाहन के सामने आकर बैठ गईं. सांसद बृजलाल ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया. इस दौरान वहां मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने न्याय दिलाने की बात कही, तो वहीं कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि जब खुद जिलाध्यक्ष को ही न्याय नहीं मिल रहा, तो आम जनता का क्या होगा?
क्या है पूरा मामला?
महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रिंकल सिंह का गांव के ही एक व्यक्ति से विवाद हुआ था. रिंकल अपने पैतृक गांव के एक तालाब पर हो रहे अवैध कब्जे का विरोध कर रही थीं. रिंकल का आरोप है कि इससे नाराज़ आरोपियों ने उनसे गाली-गलौज की और पिस्टल निकालकर जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें और उनके पति संजय सिंह को लात-घूंसे मारे. इस घटना के बाद उन्होंने पति के साथ महरुआ थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
भाजपा की महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष के मुताबिक, अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इससे नाराज़ रिंकल सिंह समर्थकों के साथ मंगलवार को महरुआ थाने में धरने पर बैठ गई थीं. उन्होंने पुलिस पर भाजपा जिलाध्यक्ष से मिले होने के भी आरोप लगाए थे. रिंकल सिंह का यह भी आरोप है कि पुलिस उन्हें बेवजह परेशान कर रही है और पहले उनके साथ मारपीट भी कर चुकी है.
