टीबी मरीजों को खोजने के लिए चलेगा अभियान

Sumit Garg
4 Min Read

23 नवंबर से पांच दिसंबर तक चलेगा एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान

वर्ष 2023 में आगरा में खोजे गए सर्वाधिक 23081 मरीज

 

आगरा। प्रधानमंत्री के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को साकार करने में आगरा जनपद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जनपद में वर्ष 2023 में अब तक सार्वाधिक 23081 टीबी मरीजों को खोजा जा चुका है। अब और नये टीबी मरीजों को खोजने के लिए 23 नवंबर से एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. सुखेश गुप्ता ने सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान दी।

डीटीओ ने बताया कि वर्ष 2023 में पब्लिक (सरकारी) क्षेत्र में 11648 मरीज, प्राइवेट (निजी) क्षेत्र में 11704 मरीज खोजे गए हैं। इनमें से 12972 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें 883 डीआरटीबी के मरीज भी हैं, जिनका उपचार चल रहा है। अन्य मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि जनपद में मौजूद अन्य क्षय रोगियों को खोजकर उनका उपचार शुरू करने के उद्देश्य से 23 नवंबर 2023 से पांच दिसंबर 2023 तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के दौरान जनपद की 53.07 लाख की आबादी के लगभग 20 प्रतिशत पर फोकस किया जाएगा।जिसमें स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियाँ, हाई रिस्क जनसंख्या (एच.आई.वी.एवं डायबिटीज) अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार (जेल), मजदूर, श्रमिक तथा टीबी मुक्त पंचायत आदि जगह शामिल हैं। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मी टीबी के संभावित लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करेंगे और टीबी संबंधित जानकारी देंगे। अभियान में 73 सुपरवाइजरों के साथ 372 टीम गठित की गईं हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य तैनात किये गये हैं।

See also  Agra News: ओलावृष्टि की सांसद ने की समीक्षा, अधिकारियों को दिए शीघ्र सर्वे करने के दिए निर्देश

उन्होंने बताया कि जनपद में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत 26 टी.बी.यूनिट कार्यरत हैं। प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर बलगम की जाँच के लिए एक माइक्रोस्कोपी केन्द्र स्थापित है, जहाँ पर बलगम की जाँच व उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। जिले में करीब 823 डॉट्स सेन्टर संचालित हैं, जिससे टी.बी.के रोगियों को घर के नजदीक ही दवा उपलब्ध कराई जाती है।

जनपद में चार सीबी नॉट मशीन- 2-एस.टी.डी.सी., आगरा, 1-जिला चिकित्सालय, आगरा एवं 1-जालमा चिकित्सालय में उपलब्ध है। इसके अलावा नौ टूनेट मशीन जिला अस्पताल, रेलवे हॉस्पिटल, छावनी अस्पताल, बरौली अहीर फतेहपुर सीकरी, शमशाबाद, एम.सी.यू.रामबाग, लोहामण्डी एवं एच.वी.टी.सी.पर उपलब्ध हैं, जहाँ पर ड्रग रेजिस्टेंट रोगियों की जाँच की जाती है। ड्रग रेजिस्टेंट रोगियों को एस.एन.मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर उपचार उपलब्ध कराया जाता है।

See also  घर में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में कस्टम अधिकारी के मां की हुई मौत

प्राइवेट क्षेत्र के चिकित्सकों एवं चिकित्सालयों को भी रजिस्टर्ड कराया गया है। यहाँ पर उपचार प्राप्त कर रहे रोगियों को भी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर उन्हें भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

प्रेस वार्ता में आईँ आगरा निवासी 20 वर्षीय पूनम ने बताया कि जब उन्हें टीबी हुई थी तो उन्हें टीबी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। क्षेत्रीय आशा ने उन्हें लक्षणों के आधार पर जिला अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराने की सलाह दी। जिला अस्पताल में जांच के बाद उन्हें पता चला कि उन्हें टीबी है। इसके उपरांत उनका उपचार शुरू हो गया। छह माह तक उनका टीबी का उपचार हुआ। इस दौरान उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह भी मिले। यह धनराशि बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने क्षेत्र के अन्य लोगों को भी टीबी के प्रति जागरूक कर रही हैं।

See also  फतेहपुर सीकरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मोत्सव पर दुग्धाभिषेक

इस दौरान डीटीसी और सहयोग संस्था के प्रतिनिधि सहित सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

See also  Agra News: ओलावृष्टि की सांसद ने की समीक्षा, अधिकारियों को दिए शीघ्र सर्वे करने के दिए निर्देश
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *