आगरा विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हुई है। प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा – प्रथम) प्रयागराज की रिपोर्ट में विश्वविद्यालय द्वारा की गई कई वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए जी.पी.एफ. के खाते इंडियन बैंक (पूर्ववर्ती इलाहाबाद बैंक) में सेविंग्स बैंक खाते की तरह खोल दिए गए थे।
- संस्कृति भवन का निर्माण बिना स्वामित्व के कागजों व बिना नक्शा पास कराये किया गया है।
- अलीगढ़ जिले में नये राज्य विश्वविद्यालय राजा महेन्द्र महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय को बिना बजट प्रावधान के और वित्त समिति के विरोध के बावजूद 60 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया।
- विश्वविद्यालय द्वारा 08 से 09 दिसम्बर 2018 को वृंदावन में आयोजित नारी शक्ति कुम्भ पर हुए 1. 38 करोड़ के व्यय को औचित्यहीन आयोजन पर कपटपूर्ण व्यय माना गया है।
- कार्यवाहक कुलपति डॉ विनय पाठक द्वारा दिया गया असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्ति का विज्ञापन Notification/ Advertisement No. RW/01/2022 05 May, 2022 निरस्त नहीं किया गया है।
सिलविल सोसायटी ऑफ आगरा की मांगें:
- कुलाधिपति / राज्यपाल जनता को उत्तरदायी नहीं होता है। इसपर नीतिगत निर्णय होना चाहिए कि कुलाधिपति के पद पर मुख्यमंत्री आसीन हों।
- जी पी एफ की पुस्तिका सभी कर्मचारियों और शिक्षकों को अविलंब सौंपी जाए।
- जी पी एफ राशि पर 4.4% की दर से ब्याज का भुगतान हुआ है जबकि मिलना चाहिए था 7% से अधिक।
- जी पी एफ खाते सही बैंक में खोले जाएँ। और दोषी विश्वविद्यालय अधिकारियों और बैंक अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही हो।
- विश्वविद्यालय में आयोजनों और निर्माण के नाम पर जो भी औचित्यहीन और कपटपूर्ण व्यय हुए हैं उनकी जांच हो और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही हो।
- राजा महेन्द्र महेन्द्र प्रताप सिंह, अलीगढ़ को आगरा विश्वविद्यालय द्वारा बिना बजट प्रावधान के और वित्त समिति के विरोध के बावजूद दिये गए 60 करोड़ रुपये वापस हों।
- मुख्य परीक्षाएँ ओ एम आर शीट पर न हों।
- शिक्षक प्रशासनिक कार्य करने के बजाए शिक्षण और शोध करें जिसके लिए वो नियुक्त हैं।
- कार्यवाहक कुलपति डॉ विनय पाठक द्वारा दिया गया असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्ति का विज्ञापन Notification/ Advertisement No. RW/01/2022 05 May, 2022 निरस्त हो। नया विज्ञापन निकले सही रोस्टर के साथ। रोस्टर का विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर प्रकाशन करे।
- प्रशासनिक सुधारों के बाद ही नैक ग्रेडिंग हो उसके पहले नहीं।
आगरा विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के आरोप लंबे समय से लग रहे थे। प्रधान महालेखाकार की रिपोर्ट से इन आरोपों की पुष्टि हुई है। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की मांगें जायज हैं और इन मांगों पर जल्द से जल्द अमल होना चाहिए।