भाजपा कर रही 400 पार को लेकर कार्य कार्य
आगरा लोकसभा 2024 का चुनाव का रंग मोहब्बत की नगरी में छाने लगा है धीरे-धीरे जहां एक और भाजपा में तेज गति एवं मोदी के 400 पर आंकड़े तक पहुंचने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर यदि विपक्ष की बात करें तो वह भी अब चुनाव प्रचार मै दिखने लगे है ऐसे में किसी को हर का मुंह देखना पड़ेगा और जिसके सिर पर होगा सेहरा यह तो 4 जून को पता लगेगा लेकिन इतना तय है कि भाजपा की प्लान के साथ-साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का असर जनता पर साफ दिखाई दे रहा है।
आगरा लोकसभा सुरक्षित सीट की बात की जाए तो यहां भारतीय जनता पार्टी से प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल चुनाव मैदान में है जिनको की राजनीति का खिलाड़ी माना जाता है वही इंडिया गठबंधन की बात करें तो सपा के खाते में यह सीट आई है जिन पर प्रत्याशी जो प्रचार तो करते नजर आ रहे हैं पर कहीं फाइट में दिखाई नहीं दे रहे वही स्थिति बसपा प्रत्याशी की बिल्कुल साफ है उनको शहर की जनता ठीक से पहचानती भी नहीं है ऐसे में कैसे विपक्ष भाजपा के उस शतरंज के खेल को बिगाड़ पाएगा जो भाजपा के साथ-साथ अब जनता भी कहने लगी है इस बार 400 पार।
यदि फतेहपुर सिकरी के लोकसभा चुनावी महासंग्राम पर नजर डाली जाए तो वहां भी भाजपा का प्रचार तंत्र मजबूत दिखाई दे रहा है जहां भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान सांसद राजकुमार चाहर के साथ-साथ भाजपा के ही विधायक बाबूलाल चौधरी के पुत्र रामेश्वर चौधरी चुनावी ताल ठोक रहे हैं लेकिन मोदी चेहरे के आगे सभी का चुनाव तंत्र कमजोर नजर आ रहा है। फतेहपुर सीकरी मै इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की बात की जाए तो वह रामनाथ सिकरवार अपनी पूरी ईमानदारी के साथ चुनावी मैदान में है वही बसपा प्रत्याशी भी ब्राह्मण लॉबी के सहारे अपनी नैया पार लगाने की आस लगाकर बैठे हैं लेकिन यह चुनाव फिर एक बार मोदी सरकार के नारे के साथ आगे बढ़ रहा है और इसका फायदा कही न कहीं आने वाले दिनों में दोनों सीटों पर ही भाजपा प्रत्याशियों को मिलना तय है।
इस तरह से मोहब्बत की नगरी में अब चुनाव प्रचार का भी जुनून लोगों में देखने को मिल रहा है लेकिन कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री मोदी के प्रति लोगों का विश्वास और विकास की बात भी जनता के मन मे गूंज रही है। ऐसे में क्या विपक्ष मोदी के प्लान इस बार 400 पार को रोक पाएगा या फिर एक बार विपक्ष जनता पर अपना विश्वास जताने में फेल होता नजर आएगा। फिलहाल चुनाव नए भारत बदलते भारत की मानसिकता की ओर आगे बढ़ता दिखाई दे रहा हैl जब कि विपक्ष अपनी अपनी डफली अपना अपना राग के साथ जनता के बीच अपनी उपलब्धियां का सिर्फ बखान करता नजर आ रहा है।