बलिया, उत्तर प्रदेश: बलिया में कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय एक विवाद में फंस गए हैं। उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए एक कोतवाल के समर्थन में कांग्रेस का झंडा लेकर प्रदर्शन किया, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है। इस मामले पर वर्तमान जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाठक ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे पूर्व जिलाध्यक्ष का व्यक्तिगत कृत्य बताया है।
क्या है पूरा मामला?
शहर कोतवाली के लाइन हाज़िर कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह पर ABVP के कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें लाइन हाज़िर कर दिया गया था। इसी कोतवाल के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय ने सैकड़ों समर्थकों के साथ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कांग्रेस का झंडा लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया और कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह को दोबारा शहर कोतवाली में बहाल करने की मांग की।
इस प्रदर्शन में धारा 144 का भी उल्लंघन किया गया। ओमप्रकाश पांडेय ने ABVP के कार्यकर्ताओं पर अवैध वसूली सहित कई गंभीर आरोप भी लगाए। जब मीडिया ने उनसे सवाल पूछे तो वह जवाब देने से बचते नजर आए।
कांग्रेस ने किया खंडन, शीर्ष नेतृत्व को भेजी रिपोर्ट
इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने तुरंत खुद को इस प्रदर्शन से अलग कर लिया है। कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाठक ने मीडिया को बताया कि यह ओमप्रकाश पांडेय का व्यक्तिगत कार्यक्रम था, जिसमें कांग्रेस पार्टी का कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि रात में ओमप्रकाश ने एक ग्रुप में इस कार्यक्रम की जानकारी दी थी, जिसका उन्होंने तुरंत खंडन किया था।
पाठक ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी के झंडे का इस्तेमाल कर इस तरह के प्रदर्शन की वह घोर निंदा करते हैं और उन्होंने इस पूरे मामले की लिखित सूचना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेज दी है। उन्होंने संकेत दिया कि शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर पूर्व जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।