आगरा: दहेज उत्पीड़न, मारपीट, धमकी और अन्य आरोपों में नामजद पांच लोगों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। मामला ताजगंज थाना क्षेत्र के एक विवाहिता द्वारा अपने ससुरालीजनों के खिलाफ दर्ज कराए गए दहेज उत्पीड़न और अन्य आरोपों का था।
घटना के अनुसार, वादिनी श्रीमती निशा का विवाह तीन वर्ष पहले आरोपी जुबैर पुत्र गफ्फार खान, निवासी विभव नगर, ताजगंज, आगरा के साथ हुआ था। वादिनी के अनुसार, विवाह के कुछ ही माह बाद ससुरालीजनों द्वारा उसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। आरोप है कि ससुरालवालों ने उसे गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी दी। वादिनी की शिकायत पर ताजगंज थाने में पति जुबैर, सास श्रीमती गुड्डो, ससुर गफ्फार, ननद जरीना और देवर अजहर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
कोर्ट का निर्णय
सीजेएम अचल प्रताप सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने आरोपियों के अधिवक्ताओं योगेश शुक्ला और गुंजन अग्रवाल द्वारा पेश किए गए तर्कों और वादिनी तथा उसके पिता सलीम द्वारा गवाही से मुकरने के बाद आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि सबूतों के अभाव में आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं किया गया, जिसके कारण उन्हें बरी कर दिया गया।
कोर्ट के आदेश
सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने कहा कि “दहेज उत्पीड़न और अन्य आरोपों के मामले में वादिनी और उसके परिवार द्वारा गवाही से मुकरने पर आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है, इसलिए सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।”
यह मामला आगरा जिले में चर्चा का विषय बना रहा, क्योंकि दहेज उत्पीड़न के मामलों में अक्सर पुलिस और कोर्ट की प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं। हालांकि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं जुटाए जा सके, जिससे अदालत ने उनके पक्ष में फैसला दिया।