आगरा के पश्चिमपुरी वैलफेयर सोसाइटी में नवरात्रि के उपलक्ष्य में डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में गरबा नृत्य किया।
सोसाइटी की अध्यक्ष कल्पना राजपूत ने बताया कि नवरात्रि में गरबा खेलने की परंपरा काफ़ी पुरानी है। गरबा को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। गरबा संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है- गर्भ दीप। पौराणिक मान्यता अनुसार गर्भ दीप को स्त्री के गर्भ की सृजन शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसे सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। गर्भ दीप की स्थापना के साथ ही उसके पास महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर मां दुर्गा के समक्ष गरबा नृत्य करती हैं।
भक्त नवरात्रि के दौरान गरबा खेलकर मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। साथ ही मां दुर्गा से मानचाहे फल प्राप्ति की कामना करते हैं।
इस कार्यक्रम में सोसाइटी की अध्यक्ष कल्पना राजपूत, सीमा परमार, अनाईका राजपूत, सुधा भदौरिया, निधी परमार, रश्मि चाहर, अनीता यादव, पूजा सिंह, मनीषा शिवहरे, रेखा त्यागी, मनोरमा सिंह, कामिनी कक्कड़, प्रीति मिश्रा, अनाईका राजपूत, चंद्रकला बघेल, आदि महिलाएं उपस्थित रहीं।