पी.सी. पी.एन.डी.टी. अधिनियम 1994 के तहत लिंग परीक्षण करना कानूनी अपराध है- सीएमओ
आगरा। बुधवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जनपद स्तरीय लिंग संवेदीकरण रैली व संगोष्ठी, का ” डिजिटल जेनरेशन,अवर जेनरेशन”की थीम के साथ शिवालिक कैंब्रिज कॉलेज,आवास विकास, आगरा पर आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कॉलेज की छात्राओं ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा विभिन्न बालिका सशक्तिकरण विषयों के पोस्टर, होर्डिंग लेकर जन जागरूकता रैली निकाली गई,रैली को हरी झंडी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अरूण श्रीवास्तव,जिला सूचना अधिकारी शीलेन्द्र कुमार शर्मा, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेन्द्र मोहन प्रजापति,आईएमए के सचिव डा.पंकज नगाइच, शिवालिक कैंब्रिज कॉलेज की प्रिंसिपल श्रीमती आशा कपूर, डीपीओ अजय कुमार ने दिखाई। तत्पश्चात कॉलेज के सभा कक्ष में दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ, गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिला महिला
चिकित्सालय की मुख्य गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. बंदना ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस,हम 2009 से मना रहे हैं, 24 जनवरी के दिन ही पहली बार हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री ने शपथ ली थी, उसी उपलक्ष्य में आज के दिन बालिका दिवस मनाया जाता है, उन्होंने बेटियों व बेटों में भेदभाव न करने, बेटियों के लिए उच्च शिक्षा, उनके पोषण, स्वास्थ्य को बेटों की तरह करने की बात कही तथा उपस्थित बेटियों को किसी से भी न डरने तथा शिक्षा द्वारा शसक्त बनने का आह्वान किया। गोष्ठी को जिला सूचना अधिकारी ने संबोधित करते हुए कहा कि बेटियां आज अंतरिक्ष तक उड़ान भर रही हैं, बेटियों से भेदभाव करने, उन्हें आगे बढ़ने के मौके ना देने से हम विकसित राष्ट्र नहीं बन सकते, हमें परमवैभव पर पहुंचना है तो बेटियों को बेटों की तरह ही प्राथमिकता देकर उन्हें आगे बढ़ाना होगा, सरकार व सभी के प्रयासों से आज समाज की सोच में काफी बदलाव आया है। एसीएमओ डॉ. सुरेन्द्र मोहन प्रजापति ने अपने संबोधन में आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ की अपील का जिक्र करते हुए कहा कि हम सभी को इस मुहिम के समर्थन में अपना योगदान देना चाहिए। संगोष्ठी में आईएमए सचिव डा.पंकज नगाइच ने कहा कि बेटियों के लिए आज बहुत से शिक्षा व रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं, इनमें और तेजी लानी होगी, आज भी बेटियों के स्वास्थ्य हेतु घरों में जागरूकता का अभाव है, हमें इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहना चाहिए, जिससे समाज में बेटियों के प्रति सोच में बदलाव आए। डीपीओ श्री अजय कुमार ने महिला कल्याण विभाग की संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार बेटियों के स्वास्थ्य,सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है, महिला कल्याण विभाग इस हेतु लगातार प्रयास कर रहा है, इस मुहिम में जन सहयोग भी मिल रहा है, बेटियों के प्रति हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, बेटियां भी बेटों की तरह अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अरूण श्रीवास्तव ने बेटियों को प्रेरित किया तथा बताया कि जिस घर में बेटी नहीं होती उन्हें पता है कि बेटी की कीमत क्या होती है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत बेटियों की सुरक्षा, संरक्षा हेतु बनाए गए नियम कानूनों की जानकारी दी।सीएमओ ने बताया कि पी.सी. पी.एन.डी.टी. अधिनियम 1994 के तहत लिंग परीक्षण करना कानूनी अपराध है। जो लोग इस कृत्य में शामिल हैं, या इस कार्य को कर रहे हैं उन लोगों को रोकने को और सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुखबिर योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत जो लिंग परीक्षण करने वाले लोगों को पकड़वाने में मदद करते हैं उनके
लिए दो लाख रुपए की पुरुस्कार राशि देने का प्रावधान है।राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उन्होंने लिंग चयन / भ्रूण हत्या को हतोत्साहित किए जाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रयासों का जिक्र किया।कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों व बेटियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, दिलीप वर्मा, वर्तिका सहित संबंधित विभाग के अधिकारी, बड़ी संख्या में स्कूल के छात्र छात्राएं,आईएमए के पदाधिकारी, कॉलेज का समस्त स्टाफ, विभिन्न समाजसेवी एवं एनजीओ के वालंटियर उपस्थित रहे।