एटा (मलावन): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एटा जनपद के मलावन स्थित जवाहरपुर तापीय विद्युत परियोजना का लोकार्पण किया. इस ऐतिहासिक अवसर पर परियोजना स्थल पर भव्य कार्यक्रम का सजीव प्रसारण एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे.
यह परियोजना, जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्ष 2016 में किया था, लंबे समय से निर्माणाधीन थी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका लोकार्पण किए जाने से एटा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए ऊर्जा क्षेत्र में एक नई सुबह की शुरुआत हुई है.
1320 मेगावाट की क्षमता, ₹14,628 करोड़ की लागत
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा विकसित इस परियोजना की कुल स्थापित क्षमता 1320 मेगावाट है, जिसकी अनुमानित लागत ₹14,628.09 करोड़ है. यह परियोजना राज्य की प्रमुख आधारभूत संरचना परियोजनाओं में शामिल की जा रही है, जो प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी.
‘पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ऊर्जा ज़रूरतें होंगी पूरी’
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह परियोजना न केवल एटा, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी. यह विकसित भारत के विजन की दिशा में एक निर्णायक कदम है.” उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से न केवल क्षेत्र की ऊर्जा आपूर्ति को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.
सीएम योगी ने बताया ‘विकास का नया मॉडल’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में ऊर्जा और आधारभूत ढांचे के विकास को नई गति मिली है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार मिला है, और भविष्य में यह और भी नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर लेकर आएगी. सीएम योगी ने इसे विकास का एक नया मॉडल करार दिया.
इस लोकार्पण समारोह के अवसर पर जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह, एसएसपी श्याम नारायण सिंह, सपा सांसद देवेश शाक्य, विधायक विपिन वर्मा डेविड, एमएलसी आशीष कुमार यादव, एडीएम वित्त, परियोजना से जुड़े अभियंता और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणजन मौजूद रहे.
इस परियोजना को एटा को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है, जो जिले के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी.