एटा: यह कहावत सच कर दिखाई है एटा के एक साधारण किसान के बेटे ने – “अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।” अक्षय कुमार, जो एटा जिले के थाना जैथरा क्षेत्र के एक छोटे से गांव खेतूपुरा से ताल्लुक रखते हैं, ने अपनी अटूट मेहनत और लगन से वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसे लाखों युवा सिर्फ सपना देखते हैं।
महज 18 साल की उम्र में अक्षय ने पहले ही प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा न केवल पास की, बल्कि अखिल भारतीय स्तर पर 173वीं रैंक हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। गांव की गलियों से निकलकर लेफ्टिनेंट बनने की राह पर उनका यह सफर अनगिनत युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
एक साधारण किसान परिवार से आने वाले अक्षय कुमार के लिए राह आसान नहीं थी। संसाधनों की कमी और सीमित अवसर उनकी यात्रा में कई बाधाएं लेकर आए, लेकिन उन्होंने कभी भी इन मुश्किलों को अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रम के बल पर उन्होंने यह असाधारण सफलता प्राप्त की है।
अपनी इस शानदार उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए अक्षय कुमार ने कहा, “मैंने हमेशा से ही अपने देश की सेवा करने का सपना देखा था। सुबह-शाम की कड़ी पढ़ाई, मेरे परिवार का अटूट समर्थन और सबसे बढ़कर खुद पर मेरा अटूट विश्वास ही मेरी इस सफलता की असली कुंजी रहे हैं।”
अक्षय कुमार की यह प्रेरक कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक शक्तिशाली संदेश है जो कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते और अपने सपनों को साकार करने के लिए अथक प्रयास करते रहते हैं। वाकई, एटा का यह ‘गुदड़ी का लाल’ अब न केवल अपने गांव का बल्कि पूरे देश का एक चमकता हुआ सितारा बन चुका है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि सच्ची मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों।