सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन भी कर दी नजरंदाज
धड़ल्ले से बेजुबान वृक्षों पर चलती रही आरी
पेट्रोल पंप संचालक के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर साधी चुप्पी
जगन प्रसाद,अग्रभारत
आगरा। आज समूचे प्रदेश में जहां वृहद वृक्षारोपण अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ आगरा जनपद में ही जयपुर हाइवे स्थित गांव विद्यापुर के समीप पेट्रोल पंप निर्माण की आड़ में लगातार हो रहे वृक्षों के कटान पर प्रशासनिक अमला खामोशी की चादर ओढ़ कर बैठा है। अंदरखाने क्या चल रहा है, इसकी भनक किसी को नहीं लग पा रही है।
आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से लगभग 30किलोमीटर की दूरी पर आगरा जयपुर हाइवे स्थित गांव विद्यापुर के समीप हिंदुस्तान पेट्रोलियम के रिटेल आउटलेट(पेट्रोल पंप) का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है। उक्त पेट्रोल पंप की परिधि में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्येक 3 मीटर की परिधि पर विगत में सघन वृक्षारोपण किया गया था। बताया जाता है कि पेट्रोल पंप संचालक द्वारा प्राप्त की एनओसी की शर्तों और नियमों का पूरी तरह उल्लंघन किया। निर्माण में बाधक बन रहे वृक्षों को अपनी दबंगई के बल पर काट दिया। आपके लोकप्रिय समाचारपत्र अग्र भारत द्वारा इस मामले को विगत में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। अग्र भारत को गूगल मैपिंग के जरिए जो साक्ष्य हाथ लगे हैं, उनके अनुसार बीते 28 नवंबर 2021 को और 2 नवंबर 2022 को मौके पर वृक्ष साफ दिख रहे हैं। इस मामले में जिलाधिकारी आगरा द्वारा 2 फरवरी 2023 को जारी की गई एनओसी में साफ लिखा है कि एनओसी की शर्तों का उल्लंघन होने पर तत्काल प्रभाव से एनओसी निरस्त कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का किसी कीमत पर उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।
शिकायत की जांच में संचालक द्वारा स्वीकारोक्ति पर भी नहीं हुई कार्रवाई
बताया जा रहा है कि इस मामले में संबंधित विभागों में हुई शिकायत के बाद वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की जांच में संचालक के बेटे द्वारा स्वीकारोक्ति की गई कि मौके पर ट्रीगार्ड और पेड़ों को नुकसान हुआ था, जिसके जुर्माने के रूप में पचास हजार रुपया जमा कराया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की नियमावली के अनुसार किसी भी मृत, सूखा, गिरा हुआ और उखड़ा हुआ जोl भी वृक्ष होगा उसके निष्पादन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी सीईसी को सूचना देनी होगी। लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इसको पूरी तरह अनदेखा किया गया। मौके पर 3 हजार घनमीटर अवैध खनन की भी पुष्टि हुई थी, इसको भी जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया।
इनका कहना है
प्रकरण की जानकारी करने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है।
आदर्श कुमार- डीएफओ आगरा