खेरागढ़ में लगा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर निःशुल्क दन्त चिकित्सा शिविर

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सुमित गर्ग,अग्रभारत
तम्बाकू पदार्थों का सेवन सभी के लिए हानिकारक : डा. आदित्य प्रकाश पाठक

खेरागढ़-“हमें भोजन चाहिए, तम्बाकू नहीं” इस बार इसी थीम पर मनाया गया खेरागढ़ में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस। लोगों को तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति आगाह और जागरूक करने के लिए हर वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू दिवस मनाया जाता है।
इसी अवसर पर दीनानाथ ओरल एंड डेंटल क्लीनिक पर निःशुल्क दन्त एवं मुख परीक्षण शिविर लगाया गया। शिविर में 60 मरीजों का निःशुल्क परीक्षण किया गया। जिसमे 10 मरीज ऐसे थे जिनका गुटखा सेवन से मुँह बंद हो गया था तथा कुछ मरीजों के धूम्रपान के कारण गालों में सफेद व लाल धब्बों की शिकायत थी।
दीनानाथ ओरल एंड डेंटल क्लीनिक के डॉ. आदित्य प्रकाश पाठक का कहना है- तम्बाकू की लत विश्व की सबसे बड़ी घातक महामारी है। तम्बाकू के सभी पदार्थ एवं उनका सेवन बहुत खतरनाक होता है। इसका किसी भी प्रकार से सेवन कई बीमारियों को पैदा करता है। उन्होंने कहा- तम्बाकू हर सूरत में नुकसानदायक है। यह सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर तो विपरीत प्रभाव डालती है बल्कि इसका उत्पादन करने वाले भी एक विशेष बीमारी “ग्रीन टोबैको सिकनेस” का शिकार हो जाते हैं। विश्व भर में मृत्यु के कारणों में से तम्बाकू से होने वाले उप रोग प्रमुख कारण हैं।
जिस जगह तम्बाकू की खेती होती है वह जमीन हो जाती है बंजर
डा. पाठक ने बताया- तम्बाकू की खेती धीरे-धीरे खाद्यान्न दाल दलहन की खेती के लिए भी खतरा पैदा कर रही है। जिस जमीन पर तम्बाकू की खेती की जाती है वह बंजर हो जाती है, क्योंकि तम्बाकू की एक फसल लेने के बाद उस जमीन पर उगी फसल को जला दिया जाता है, इससे जमीन की उर्वरक शक्ति खत्म हो जाती है और लम्बे समय तक वहां कोई और फसल नहीं होती, यहां तक कि तम्बाकू भी

भोजन, पानी हवा और पानी हो रहा दूषित
डा.पाठक ने बताया- सिगरेट के फिल्टर में हीट रेजिस्टेंट प्लास्टिक होती है,यह प्लास्टिक जलती नहीं है। जहां भी इसे फेंका जाता है प्रदूषण ही फैलाती है। जिस पानी में डाला जाता वह पानी दूषित हो जाता है। इस पानी को बायोडिग्रेड करने में कई साल लग जाते हैं। धीरे-धीरे यह भूजल को भी दूषित कर देता है। पानी में रहने वाली मछलियों व जल जंतुओं के लिए भी हानिकारक है। सिगरेट का धुंआ हवा को दूषित कर देता है। जितना नुकसान सिगरेट पीने वाले को होता है उतना ही नुकसान पास खड़े व्यक्ति को होता है। निकोटिन केवल दस से 20 सेकेंड में दिमाग पर असर डालता है। उन्होंने बताया- तम्बाकू में सात हजार केमिकल होते हैं, इनमें 69 कैंसर के कारक हैं।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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