आईएएस टॉपर स्मृति मिश्रा ने बताया यूपीएससी क्रैक करने का राज – देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी में चौथी रैंक की हासिल

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आगरा। लड़का से लड़की भली, जो कुलवंती होय’ ये कहावत उन माता पिता के लिए प्रेरणा है, जो लड़कियों के साथ भेदभाव करते हैं।डिप्टी एसपी राजकुमार मिश्रा की बेटी स्मृति मिश्रा ने शहर का ही नहीं उन पैरंट्स का भी सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है, जो बेटियों पर गर्व करते हैं ।

देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी में चौथी रैंक हासिल करने वाली स्मृति मिश्रा की पूरे देश में चर्चा है। स्मृति ताजनगरी आगरा शहर से खास रिश्ता है ।
उन्होंने आगरा के सेंट क्लेयर्स से 10 और 12वीं की पढ़ाई की है। इसके बाद दिल्ली के मिरांडा हाउस से बीएससी ऑनर्स करने के बाद से ही सिविल सर्विसेस की तैयारियों में जुट गईं।

स्मृति मिश्रा ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई के बाद वह अपने भाई लोकेश के साथ नोएडा रही, जहाँ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की थी। कोविड -19 के संक्रमण काल के दौरान उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग से पढ़ाई भी की।
स्मृति मिश्रा ने बताया कि वह सोशल मीडिया से दूर रहती हैं।मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल सिर्फ पढ़ाई के लिए करती हैं ।अपनी पढ़ाई का बेस अच्छा बनाने के लिए उन्होंने एनसीआरटी की किताबों के साथ-साथ स्टैंडर्ड किताबों का भी सहारा लिया। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों को प्रीलिम्स और मेंस के लिए अलग-अलग तैयारी नहीं करनी चाहिए। बल्कि दोनों की तैयारी एक साथ करनी चाहिए।

स्मृति का कहना है कि यूपीएससी एक दिन की परीक्षा नहीं है ।इसके लिये छोटे-छोटे टारगेट बनाकर पढ़ाई करें। धैर्य और निरंतरता पढ़ाई बस यही सफलता का सबसे बड़ी राज है। इसके लिए प्रतिदिन अभ्यास भी जरूरी है। अच्छे नोट्स बनाकर उन्हें सही तरीके से पढने पर निश्चित सफलता की संभावना बढ़ जाती है। मैंने इन्हीं सब बातों पर ध्यान दिया,पढ़ने के घन्टे पर कभी बहुत गौर नहीं किया।

गौरतलब है कि स्मृति मिश्रा के पिता और मौजूदा समय में डिप्टी एसपी राजकुमार मिश्रा सर्विस के दौरान काफ़ी समय आगरा रहे । वह उस समय भी विभागीय भीड़ से अलग नजर आते थे।
लिहाजा उनकी सर्विस का अधिकांश समय थानेदारी के बजाय एसएसपी या आईजी के पेशकार के रूप में साइड पोस्टिंग में ही गुजारा। जिससे वह और उनकी पत्नी अनिता बच्चों की पढ़ाई पर खासतौर पर फोकस कर सके।
राजकुमार मिश्र मूलरुप से बाघम्बरी गद्दी प्रयागराज की रहने वाले हैं। उनकी गिनती बेहद तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में की जाती है । सैनिक स्कूल की पढ़ाई के दौरान जो संस्कार एवं अनुसाशन उनको मिला था उसका असर बच्चों पर भी पड़ना स्वाभाविक है।स्मृति मिश्रा के भाई लोकेश मिश्रा अधिवक्ता हैं, वह हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते है ।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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