मऊगंज, मध्य प्रदेश: रीवा जिले से अलग होकर बने नए जिले मऊगंज के हनुमना शिक्षा केंद्र से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा जगत की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहाड़ी शासकीय विद्यालय में पदस्थ और हनुमना बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर) कार्यालय में कार्यरत सीएसी (क्लस्टर एकेडमिक कोऑर्डिनेटर) शिक्षक जगतनाथ साकेत का एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
शिक्षक की अमर्यादित हरकतें, वीडियो में कैद
वायरल वीडियो में शिक्षक जगतनाथ साकेत एक लोकल ऑर्केस्ट्रा कार्यक्रम के मंच पर लड़कियों के साथ आपत्तिजनक ढंग से ठुमके लगाते, नोट उड़ाते, खुलेआम गाली-गलौज करते और यहाँ तक कि हाथापाई तक करते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो शिक्षा जैसे पवित्र पेशे की मर्यादा को तार-तार करता दिख रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है।
बीआरसी का चौंकाने वाला और गैरजिम्मेदाराना बयान
इस वीडियो के सामने आने के बाद आम नागरिकों से लेकर अभिभावकों तक, सभी यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर शिक्षक ही मर्यादा भूल जाएं, तो बच्चों को नैतिकता कौन सिखाएगा? इस मामले में जब पत्रकारों ने ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (BRC) हनुमना से जवाब मांगा, तो उनका बयान और भी चौंकाने वाला निकला। बीआरसी ने कहा, “अवकाश के दिन चल रहे हैं, शिक्षक एंजॉय नहीं करेगा तो क्या करेगा? क्या शिक्षक हो जाने से सारी इच्छाएं मर जाती हैं?”
बीआरसी का यह बयान न केवल बेहद गैरजिम्मेदाराना है, बल्कि यह शिक्षक की अमर्यादित हरकतों का परोक्ष रूप से समर्थन भी करता है। यह शिक्षा विभाग में जवाबदेही की कमी को भी उजागर करता है।
मामले को दबाने का आरोप
इतना ही नहीं, एक पत्रकार ने यह भी गंभीर आरोप लगाया है कि बीआरसी ने इस पूरे मामले को दबाने और मीडिया को शांत करने के लिए पैसे देकर मैनेज करने की कोशिश की। यदि यह आरोप सही साबित होता है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि यह भ्रष्टाचार और नैतिकता के पतन की ओर इशारा करता है।
शिक्षा विभाग पर सवाल और कार्रवाई का इंतजार
यह पूरा घटनाक्रम न केवल व्यक्तिगत शिक्षक की छवि पर एक गहरा धब्बा है, बल्कि यह शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली, निगरानी और अपने कर्मचारियों के नैतिक आचरण को लेकर भी बड़े सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इस गंभीर मामले पर क्या सख्त कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी अन्य “वायरल वीडियो” की तरह समय के साथ गुम होकर सिर्फ एक चर्चा बनकर रह जाएगा। क्षेत्र की जनता और अभिभावक इस मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं ताकि शिक्षा की गरिमा पुनः स्थापित हो सके।