आगरा, उत्तर प्रदेश। आगरा के जगनेर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग युवती के अपहरण और उसकी सकुशल बरामदगी न होने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। पीड़ित परिवार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर, आगरा से इस प्रकरण में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह मामला पुलिस की कथित निष्क्रियता और आरोपी के परिजनों के साथ मिलीभगत के आरोपों के बाद सामने आया है।
क्या है पूरा मामला?
जगनेर थाने में दर्ज मामले के अनुसार, वादी (शिकायतकर्ता) की नाबालिग बेटी को आरोपी अमन पुत्र आसीन खां अपने परिजनों के सहयोग से 28 फरवरी, 2025 को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसकी बेटी घर से नकदी और जेवरात भी ले गई थी।
पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
पीड़ित पिता का आरोप है कि एसीपी खेरागढ़ ने इस मामले में वास्तविक तथ्यों के आधार पर उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं होने दी। उनका कहना है कि एसीपी ने आरोपी अमन के परिवार के सदस्यों के नाम रिपोर्ट से हटवा दिए। इसके बाद न तो आरोपी अमन को गिरफ्तार किया गया और न ही उनकी नाबालिग बेटी की सकुशल बरामदगी कराई गई।
न्याय की गुहार लगाते हुए वादी ने इस बाबत जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका प्रस्तुत की थी।
हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
वादी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर, आगरा से इस पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है। अब पुलिस कमिश्नर को कोर्ट के समक्ष मामले की विस्तृत जानकारी और की गई कार्रवाई का ब्योरा पेश करना होगा।