Agra News: भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को किसानों पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में बड़ी राहत मिली है। विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए कोर्ट, अनुज कुमार सिंह ने कंगना रनौत के खिलाफ दायर मुकदमे को खारिज कर दिया है।
पहले भी खारिज हुआ था मुकदमा
इससे पहले, कंगना रनौत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर दायर मुकदमा भी खारिज हो चुका है। इसके अतिरिक्त, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणी पर भी उन्हें नोटिस जारी किया गया था।
अदालत में हुई बहस
इस मामले में वादी रमा शंकर शर्मा की ओर से कई अधिवक्ताओं ने अदालत में बहस की और कंगना रनौत को मुकदमे के विचारण के लिए तलब करने का आग्रह किया। वहीं, कंगना रनौत की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनुसुइया चौधरी और स्थानीय अधिवक्ता हिम्मत सिंह राजपूत ने उनका पक्ष रखा और मुकदमे को खारिज करने का अनुरोध किया।
अदालत का फैसला
विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए कोर्ट, अनुज कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 6 मई को अदालत ने अपना आदेश सुनाते हुए मुकदमे को खारिज कर दिया।
अदालत ने यह भी कहा कि कंगना रनौत का बयान एक सामान्य कथन है और पूरे वक्तव्य को देखने से केवल यह पता चलता है कि आंदोलन के दौरान कुछ आपराधिक घटनाएं हुईं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये घटनाएं किस विशिष्ट वर्ग या व्यक्ति द्वारा की गईं।
अदालत ने यह भी कहा कि वादी ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है जिससे यह साबित हो सके कि कंगना रनौत ने किसानों के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी की थी।
अदालत ने कंगना रनौत के उस बयान को भी ध्यान में रखा जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर किसान आंदोलन के दौरान भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो पंजाब में बांग्लादेश जैसे हालात हो जाते। अदालत ने माना कि इस बयान से किसानों की मानहानि नहीं होती है और न ही इससे राजद्रोह का अपराध साबित होता है।
अदालत ने वादी द्वारा दायर परिवाद पत्र को धारा 226 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत खारिज करने का आदेश दिया।