आगरा : शहर की प्रमुख साहित्यकार भावना वरदान शर्मा को सोशल मीडिया पर धमकी देने और अपमानित करने के मामले में कवि पवन आगरी पर कानून का शिकंजा कसा गया है। उनके खिलाफ थाना छत्ता में भारतीय दंड संहिता (BNS) धारा 351(2) और 352 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब पवन आगरी ने भावना वरदान शर्मा को सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर धमकी दी और उनकी निजता का उल्लंघन किया।
भावना वरदान शर्मा ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे देश के कानून और पुलिस प्रशासन पर पूरा भरोसा है। न्यायपालिका और कानून का मैं आभार व्यक्त करती हूं। यह केवल मेरी नहीं, पूरे शहर की जीत है।” उन्होंने आगे कहा कि यह घटना आगरा के साहित्य जगत में पहली बार हुई है, जब किसी लेखिका को इस तरह मानसिक उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा।
भावना वरदान शर्मा ने बताया कि इस घटना के बाद पूरे शहर और देश भर के साहित्यकार और सामाजिक संगठन उनके समर्थन में उतरे। “अगर एक वरिष्ठ लेखिका के साथ इस तरह का मानसिक शोषण हो सकता है तो सोचिए, जो नवोदित लेखिकाएं साहित्य जगत में कदम रख रही हैं, उनके साथ क्या होता होगा,” उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की।
आगरा के साहित्य जगत से जुड़े कई वरिष्ठ लेखक और साहित्यकार पवन आगरी के खिलाफ जन आंदोलन में उतर आए। उनका कहना है कि इस घटना से यह साफ है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनकी निजता का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, साहित्यिक समाज ने इस घटना को गंभीरता से लिया और पवन आगरी के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाया।
अंततः, कानून और न्याय की जीत हुई और पवन आगरी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस कदम को समाज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि समाज में महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के मानसिक उत्पीड़न और अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब यह देखना होगा कि इस मामले में न्याय कितना शीघ्र और उचित तरीके से सुनिश्चित किया जाता है।