आगरा। सरकारी योजनाओं का लाभ उनके लाभार्थियों तक पहुंचे यह किसी भी योजना की सफलता के लिए सबसे जरूरी है। तमाम सरकारी योजनाएं जनप्रतिनिधियों की मनमानी की भेंट चढ़ रही हैं। जिससे न केलव सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रति भी लोगों का नजरिया नकारात्म हो रहा है। ग्राम पंचायतों में व्यक्तिगत शौचालय से अंत्योदय के लाभार्थियों के चयन में इस तरह की मनमानी देखी जा रही है। आगरा जिले के ब्लॉक अछनेरा की ग्राम पंचायत मांगरौल जाट में ग्राम प्रधान सुभाषचंद्र ने अपने चहेतों और परिजनों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया।
जिस पैसे से गांव की गलियों में आरसीसी होनी थी उस पैसे से परिजन रामवीर सिंह पुत्र स्व. प्रेम सिंह के नौहरे (पशुओं के बाड़े) की आरसीसी करा दी जबकि गांव की तमाम गलियों में कीचड़ है, नालियां टूटी पड़ी हैं। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान मनमानी कर रहे हैं। वह ग्रामीणों की सुनते नहीं हैं। वह इस तरह के काम लगातार कर रहे हैं। ग्राम पंचायत घर पर भी समय से कोई नहीं बैठता है और नहीं नियमित बैठक होती हैं, जिससे ग्रामीण अपनी समस्या रख सकें। ग्राम प्रधान अक्सर ग्रामीणों को इस बात की धौंस दिखाते हैं कि ब्लॉक प्रमुख व विधायक उनके रिश्तेदार हैं। कोई अधिकारी कुछ नहीं कर सकता चाहे जितनी शिकायत कर लो। धरातल पर कोई काम नहीं किया जा रहा है जबकि ग्राम पंचायत में विकास के लिए आने वाली धनराशि का भी दुरूपयोग किया जा रहा है। जरूरतमंदों के शौचालय तक नहीं बनाए गए हैं और नहीं गरीबों और पात्रों के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवासों की प्रधान की ओर से संस्तुति नहीं की गई है। हर काम के लिए सुविधा शुल्क की मांग की जाती है और चहेतों को ही सुविधाओं का लाभ अनुचित रूप से पहुंचाया जा रहा है। जब कोई ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो उसे धमकाया जाता है। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब तक ग्राम पंचायत में कराये गये कार्यों का निष्पक्ष ऑडिट करा दिया जाये तो ग्राम प्रधान की प्रधानी चली जाएगी और पंचायत कर्मचारियों की नौकरी। यहां तक कि आयुष्मान और अंत्योदय कार्ड बनाये जाने में भी प्रधान ने मनमानी की है। जिससे गरीबों और जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।