लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई की विश्वप्रसिद्ध मोनाश यूनिवर्सिटी के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता गौतमबुद्धनगर यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों की क्षमता बढ़ाना, प्रशिक्षण देना और संयुक्त शोध को प्रोत्साहित करना है। इससे प्रदेश के युवाओं को वैश्विक शिक्षा का अवसर मिलेगा और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार होंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने बताया ‘युवाओं के उज्जवल भविष्य की नींव’
मुख्यमंत्री आवास, कालिदास मार्ग पर हुए इस समझौते को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं के उज्जवल भविष्य की नींव बताया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनके लिए वैश्विक शिक्षा का दरवाज़ा खोलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत की शिक्षा परंपरा तर्क और दर्शन के साथ दुनिया में अपनी पहचान रखती रही है, और अब उसी परंपरा को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने की सख्त आवश्यकता है।
समग्र सोच और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का नया मार्ग
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इस समझौते की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा और चिकित्सा मनुष्य की मूलभूत ज़रूरतें हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में इस दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा रहे हैं। इस करार से अब वे छात्र जो विदेश जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते, उन्हें घर बैठे अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिल सकेगी। यह कदम शिक्षा में समग्र सोच को बल देगा।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और गौतमबुद्ध नगर यूनिवर्सिटी के कुलपति सहित ऑस्ट्रेलियाई राजदूत और मोनाश यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी उपस्थित रहे।
मोनाश यूनिवर्सिटी: वैश्विक शिक्षा का प्रतिष्ठित केंद्र
मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसे वैश्विक स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। इस साझेदारी से उत्तर प्रदेश के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम, उन्नत शिक्षण पद्धतियाँ और अनुसंधान के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे उनकी रोजगार क्षमता भी बढ़ेगी। यह एमओयू उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।