मेरठ। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (केजीबीवी) से गुरुवार को लापता हुई तीन छात्राओं को पुलिस ने शुक्रवार को उनके घरों से बरामद कर लिया। यह घटना जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की है, जहां 100 छात्राओं के साथ पढ़ाई हो रही थी। लापता हुई छात्राओं में से एक मेरठ निवासी थी, जबकि अन्य दो छात्राएं भी साथ थीं।
छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में मोबाइल चलाने पर उन्हें डांट दी गई थी, जिसके कारण वे डर के मारे वहां से भाग गईं थीं। एक छात्रा ने अन्य दोनों छात्राओं को अपने परिचित के घर ले जाकर उन्हें वहां ठहराया और फिर दिन में तीनों छात्राएं अपने-अपने घर पहुंच गईं। इस पूरे घटनाक्रम के बाद, पुलिस ने जांच शुरू की और छात्राओं से मोबाइल पर बातचीत करने वाले सात युवकों को हिरासत में लिया।
इस घटना को लेकर मेरठ प्रशासन ने तत्परता से कार्यवाही की। मेरठ के जिला अधिकारी (सीडीओ) की जांच रिपोर्ट के बाद विद्यालय की वार्डन रीना और एक शिक्षिका की सेवा समाप्त कर दी गई। इसके साथ ही, बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) और जिला समन्वयक बालिका को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। खंड शिक्षा अधिकारी को भी ब्लॉक से हटा दिया गया है। इसके साथ ही इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का संचालन और छात्राओं का सुरक्षा मुद्दा
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कुल 100 छात्राएं पढ़ाई करती हैं। ईद और अन्य त्योहारों के चलते 57 छात्राएं घर चली गई थीं, जिससे विद्यालय में इस समय केवल 43 छात्राएं रह रही थीं। गुरुवार दोपहर को विद्यालय के स्टाफ को तीन छात्राओं के लापता होने की सूचना मिली थी। इस पर विद्यालय की वार्डन रीना और अन्य स्टाफ ने बिना किसी को जानकारी दिए, छात्राओं की तलाश शुरू कर दी।
शुक्रवार को वार्डन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, और पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए तीनों छात्राओं को उनके घरों से बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार, छात्राओं के मोबाइल पर बात करने वाले सात युवकों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
शिक्षा प्रणाली और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं
इस घटना ने विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लापता होने के बाद छात्राओं के बिना किसी जानकारी के घरों तक पहुंचने के कारण विद्यालय के स्टाफ और सुरक्षा प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा, छात्राओं की शिकायत के बाद विद्यालय की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है, खासकर छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से।