नई दिल्ली: राज्यसभा के उप नेता और सांसद श्री प्रमोद तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के प्रति श्रद्धा और आदर नहीं रखती। श्री तिवारी ने कहा कि बीजेपी के नेताओं द्वारा संविधान और बाबा साहब का अपमान करने का रवैया साफ दिखाई देता है।
बीजेपी ने संविधान को बदलने की दी थी धमकी
श्री तिवारी ने कहा कि इंडियन गठबंधन (I.N.D.I.A) ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि अगर भारतीय जनता पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिल गया तो वे संविधान को बदलने की कोशिश करेंगे और दलितों तथा पिछड़ों का आरक्षण समाप्त कर देंगे। उन्होंने देश की महान जनता को बधाई दी कि बीजेपी की तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी 240 सीटों की संख्या नहीं पार कर पाई।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बयान और उनकी नफरत
राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के भाषण का जिक्र करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि उनकी बातों से बाबा साहब अंबेडकर के प्रति नफरत स्पष्ट रूप से दिखी। उन्होंने बताया कि वह राज्यसभा में अमित शाह के ठीक सामने बैठे थे और उनके चेहरे के भाव तथा शब्दों को ध्यान से सुना। उन्होंने दावा किया कि यह नफरत बीजेपी में पूरी तरह व्याप्त है और उनका संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है।
राज्यसभा में हुई अव्यवस्था पर तिवारी का बयान
श्री तिवारी ने राज्यसभा में मकर द्वार के पास हुई घटना का भी जिक्र किया, जब प्रियंका गांधी जी और अन्य महिला सांसदों के साथ बीजेपी सांसदों ने आक्रामक ढंग से धक्का-मुक्की की। उन्होंने बताया कि इस दौरान विपक्ष के नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी को भी धक्का देकर गिरा दिया गया, जो एक असंवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ कृत्य था।
लोकसभा में उत्पन्न असहमति और एफ.आई.आर. का मामला
श्री तिवारी ने लोकसभा में हुई घटनाओं का भी उल्लेख किया, जब बीजेपी सांसदों ने डंडे लेकर हमला किया और दो सांसदों को अस्पताल भेज दिया। उन्होंने कहा कि वह और उनके साथ 15 सांसदों ने एफ.आई.आर. दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन उनकी एफ.आई.आर. नहीं लिखी गई, जिससे तानाशाही का खुला सबूत मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप
श्री तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि जब केंद्रीय गृहमंत्री ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया, तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने न तो उनसे इस्तीफा लिया और न ही उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया। इसके बजाय, उन्होंने अंबेडकर जी के अपमान का समर्थन किया, जिससे यह साफ हो गया कि प्रधानमंत्री भी इस मुद्दे में दोषी हैं।
बीजेपी का फासिज़्म और लोकतंत्र पर हमला
श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई ये घटनाएं लोकतंत्र के खिलाफ हैं और भारतीय इतिहास में हमेशा काले अध्याय के रूप में याद की जाएंगी। उनका कहना था कि बीजेपी और मोदी सरकार का यह रवैया लोकतंत्र, संविधान और बाबा साहब अंबेडकर के प्रति पूरी तरह नफरत का प्रतीक है।