विचाराधीन बंदियों को पेशी पर न भेजने पर अदालत सख्त, जेल अधीक्षक और पुलिस आयुक्त को दिए कड़े निर्देश

By MD Khan
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आगरा: जिला कारागार में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों को नियमित पेशी पर अदालत में न भेजने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) 13 महेश चंद वर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इस संबंध में जेल अधीक्षक, जिला कारागार और पुलिस आयुक्त, आगरा को पत्र लिखकर अदालत द्वारा पारित आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं।

मामले के अनुसार, एडीजे 13 महेश चंद वर्मा की अदालत में थाना कमला नगर से संबंधित राज्य बनाम राहुल प्रताप आदि का मुकदमा विचाराधीन है। यह मुकदमा हत्या के प्रयास, 7 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम और अन्य धाराओं से संबंधित है। इस मामले में राहुल प्रताप और लाला उर्फ राहुल नामक दो आरोपी जिला कारागार में निरुद्ध हैं।

अदालत ने मुकदमे की सुनवाई के लिए पहले दोनों आरोपियों को जेल से तलब करने का आदेश जेल अधीक्षक, जिला कारागार आगरा को दिया था। हालांकि, इन दोनों आरोपियों को पेशी के लिए अदालत में नहीं भेजा गया, जिसके कारण अभियुक्तों का विचारण बाधित हुआ। इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए एडीजे 13 महेश चंद वर्मा ने जेल अधीक्षक, जिला कारागार और पुलिस आयुक्त, आगरा को पत्र भेजा है।

अपने पत्र में, न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि भविष्य में विचाराधीन बंदियों के नियमित विचारण के लिए उन्हें न्यायालय में पेश कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि बंदियों के मौलिक अधिकारों का संरक्षण हो सके और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थापित सर्वमान्य कानूनी व्यवस्था का पालन हो, उसकी अवहेलना या अवमानना न हो। अदालत ने अपने आदेश का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जेल अधीक्षक, जिला कारागार और पुलिस आयुक्त, आगरा को सख्त निर्देश दिए हैं।

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